गोरखपुर। राजस्व कर्मी की एक गलती के कारण सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम धसकी के 600 किसान 14 साल से अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इन किसानों की जमीन लगभग ढाई गुणा कम हो गई है।
उनके गांव में बाढ़ खंड की ओर से बांध बनाया जाना है लेकिन अंश निर्धारण नहीं हो पा रहा है। तहसील प्रशासन की ओर से बनाई गई समिति की जांच में भी यह गलती सामने आयी है लेकिन किसानों को राहत नहीं मिल पायी है।
ग्रामीणों का कहना है कि 14 साल पहले गांव के तत्कालीन लेखपाल लव कुमार सिंह ने बिना किसी विभागीय आदेश या नक्शा संशोधन के सभी काश्तकारों के जमीन का रकबा कागज में ढाई गुणा कम कर दिया। फसली वर्ष 1408 से 1413 तक जो रकबा खतौनी में दर्ज था। लेकिन इसके बाद के सभी फसली वर्ष में बनी खतौनियों में उससे कम रकबा दर्ज होने लगा। किसानों का कहना है कि इस गलती के कारण उन्हें सिंचाई विभाग से मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
केवल वादी को मिली राहत
ग्रामीण आशुतोष पांडेय उर्फ राजन का कहना है कि काश्तकार इस मामले में पूर्व एसडीएम सदर नेहा बंधु से मिले थे। उनकी ओर से जांच कराने की बात कही गई। एक वाद दाखिल कराने को कहा गया और यह आश्वासन दिया गया कि उसी आदेश में सबको समाहित कर दिया जाएगा।
उनके स्थानांतरण के बाद वर्तमान एसडीएम सदर को भी मामले की जानकारी दी गई। समिति बनाकर जांच कराई गई। उसमें राजस्व विभाग की गलती मिली लेकिन आदेश केवल वादी के ही मामले में किया गया। बाकी काश्तकारों को छोड़ दिया गया है।
आज राजस्व परिषद के अध्यक्ष से मिलेंगे काश्तकार
काश्तकार आशुतोष पांडेय ने बताया कि प्रभावित काश्तकारों का प्रतिनिधि मंडल इस समस्या को लेकर बुधवार को राजस्व परिषद के अध्यक्ष से मिलेगा। उनसे मिलकर ज्ञापन सौंपा जाएगा और इस समस्या का निराकरण कराने की मांग की जाएगी।
डीएम ने प्रधान व सचिव से मांगा स्पष्टीकरण
विकास खंड चरगांवा के ग्राम पंचायत जंगल तिनकोनिया नंबर-दो की ग्राम प्रधान इन्दूलता व सचिव वकील कुमार को डीएम और डीपीआरओ ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
कुमारी श्वेता ने प्रधान व सचिव पर आरोप लगाया है कि पंचायत सहायक पद पर रहते हुए शासन की मंशा व विभाग के निर्देशानुसार बेहतर काम किया। इसके चलते बीडीओ व प्रमुख ने प्रशस्ति पत्र भी दिया है।
इसके बाद भी गलत तरीके से आरोप लगाकर मुझे हटा दिया गया है। इसे डीएम व डीपीआरओ ने गंभीरता से लेते हुए प्रधान व सचिव को नोटिस जारी पट किया है।
एडीओ पंचायत सतीश कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि शासनादेश के विरुद्ध पंचायत सहायक को हटाया गया है।