दिनांक-27-12-2023
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश,लखनऊ
विषय-उत्तर प्रदेश के जनपद कन्नोज में पुलिस कांस्टेबल सचिन राठी के शहीद होने व् पुलिस को विशेष ट्रेनिंग देने के सम्बन्ध में।
महोदय,
उत्तर प्रदेश के जनपद कन्नोज में 25-26 दिसम्बर 2023 की रात्रि हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गये पुलिस दल में से जनपद मुज़फ्फरनगर के गांव शाहडब्बर निवासी पुलिस कांस्टेबल सचिन राठी वहां हुई गोलाबारी में शहीद हो गये है। उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की अनेको घटनाये होने से लगता है कि यहाँ पर पुलिसकर्मियों को अपराधियों को पकड़ने, मुठभेड़ व् हथियार चलाने की विशेष ट्रेनिंग व् रणनीति बनाने की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश में मथुरा के जवाहरबाग 15जनवरी 2016 को सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी थी और इस फायरिंग में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष कुमार यादव शहीद हो गए थे। इस घटना के कुछ समय बाद उत्तरप्रदेश के क़स्बा दादरी में दिनांक 25-04-2016 को 14 पुलिसकर्मियों की एक टीम अपराधी जावेद और उसके गैंग को दबोचने गई थी, लेकिन घर में छिपे अपराधियों ने सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद अख्तर पर गोली चला दी थी और वे शहीद हो गए थे।
आज के समय यह भी देखने में आया है कि हमारी पुलिसकर्मियों को उचित व् पेशेवर ट्रेनिंग की आवश्यकता है। पुलिस को स्थिर टारगेट, मूविंग टारगेट और भागते वाहन का पीछा करने के दौरान अपराधियों को पकड़ने के लिए कैसे फायरिंग की जानी चाहिए आदि विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता है। भारी हथियारों से लैस अपराधियों को पकड़ने की टीम अलग होनी चाहिए। इस टीम के पास हमलों के लिए राइफलें, टामी बंदूकें, शॉटगंस, कारबाइनें, अचेत करने वाले हथगोले और घात में बैठकर निशाना साधने वालों को मारने के लिए उच्च क्षमता वाली बंदुकें आदि होनी चाहिए।।
यह भी देखने में आया है कि इस विषय में पुलिसबल में उच्च अधिकारीयों के समय से आदेश देने व् स्पष्ट आदेशो का भी आभाव रहता है।हर पुलिस थानों मे कम से कम पांच ऐसे ट्रेंड निशानेबाज होने चाहिए, जो शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी के समय, मुठभेड़ के समय, नाकाबंदी तोड़कर भागते अपराधियों की गिरफ्तारी के समय व् वाहनों का पीछा करने के दौरान और आपात स्थिति में हथियारों (इंसास और एसएलआर)का प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल कर सके।
क्योकि बड़े अपराधी और गैंगस्टर अत्याधुनिक हथियार और लग्जरी गाड़ियां रखते हैं, जिनसे मुकाबला करने के लिए पुलिस को भी कौशल-तकनीक का उपयोग कर अपडेट होना होगा। और गम्भीर स्थितियों से निपटने के लिए पुलिस को कमांडो की टीम बुलानी चाहिए। पुलिस की क्राइम ब्रांच में क्रिमिनल प्रोफाइलिंग पर काम करने के लिए डिटेक्टिव भी होने चाहिए। जर्मनी में 1980 के दशक में हाराल्ड डेर्न ने अपराधियों को श्रेणी में बांटने का तरीका विकसित किया था।इसे क्रिमिनल प्रोफाइलिंग कहते हैं।
अत आपसे अनुरोध है कि अपराध नियन्त्रण तथा कानून एवं व्यवस्था को बनाये रखने में पुलिस को सक्षम एवं प्रभावी बनाने के लिए उपरोक्त पर अविलम्ब समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करे। ताकि कन्नोज, मथुरा व् दादरी जैसी घटनाओं की पुनरावर्ती न हो। तथा शहीद पुलिस कांस्टेबल सचिन राठी के परिवार को उचित सहायता दी जाए। आभार सहित।
भवदीय
अशोक बालियान