लखनऊ-
यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक सदन में पेश।
प्रमुख सचिव रैंक के सेवारत या अवकाश प्राप्त अफसर भी बन सकेंगे आयोग के अध्यक्ष।
विश्वविद्यालयों के कुलपति और पूर्व कुलपति 3 वर्ष के प्रशासनिक अनुभव के साथ बन सकेंगे आयोग के अध्यक्ष।
किसी विश्वविद्यालय में 10 वर्ष तक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे सेवानिवृत्त शिक्षक भी बन सकेंगे आयोग के अध्यक्ष।
शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष के साथ 12 सदस्य नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव।
निगमित निकाय के तौर पर आयोग का मुख्यालय होगा प्रयागराज।
यूपी उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग बोर्ड का स्टाफ नए आयोग मे होगा स्थानांतरित।
सचिव रैंक के सेवारत या सेवानिवृत्त अफसर बन सकेंगे सदस्य।
एक सदस्य न्यायिक सेवा जिला न्यायाधीश स्तर के अफसर को।
एक पद पर उच्च शिक्षा में संयुक्त निदेशक तथा एक व्यवसायिक शिक्षा में अपर निदेशक स्तर का भी होगा।
एक पद पर माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक और एक पद पर बेसिक शिक्षा में संयुक्त निदेशक या ऊपर के अफसर की होगी तैनाती।
आयोग में 6 सदस्य शिक्षाविद होंगे।
यूपी सरकार ने यूपी कैबिनेट से आयोग के गठन को दी थी मंजूरी।
यूपी में शिक्षकों के चयन और भर्ती संबंधी मामलों को देखेगा आयोग।
लखनऊ-
यूपी विधानसभा में 11 विधेयक किए गए पेश
विपक्ष के हंगामे के बीच 11 विधेयक सदन में पेश किए गए।
यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का विधेयक पेश।
यूपी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पेश।
उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक पेश।
उत्तर प्रदेश दंड विधि संशोधन विधेयक पेश।
उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास विधेयक पेश।
उत्तर प्रदेश नगर स्थानीय स्वायत्त शासन विधि विधेयक पेश।
नगरपालिका संशोधन विधेयक पेश।
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी संसोधन विधेयक पेश।
निजी विश्वविद्यालय विधेयक पेश।
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय द्वितीय संशोधन विधेयक पेश।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय विधेयक पेश।
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