भेड़िया रो रहा है !!
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सावधान !
भेड़िया रो रहा है !!
भेड़िए की आँखों में आँसू नहीं है
भेड़िए की आँखों में पानी भी नहीं है
भेड़िया शातिर है , शिकारी है
उसकी आँखों से भाप निकल रही है
लाल-लाल आँखों से निकलती
रंगहीन-स्वादहीन पर बदबूदार जहरीली भाप ।
सावधान !
भेड़िए ने फूट-फूट कर रोना शुरू कर दिया है !
भेड़िए का रोना अच्छा नहीं होता ! सावधान !!
सावधान !
जब भेड़िया रोता है तो
विषैले भाप की चपेट में सब आने लगते हैं
लोग पहले भीड़ में , फिर भेड़ में तब्दील हो जाते हैं
फिर भेड़ों के दिमाग पर भेड़िया सवार हो जाता है
उग आते हैं लिप्सा के नुकीले दाँत
टपकने लगती है जंगली लार
सबकी आँखें होने लगती हैं खूँखार
और फैल जाती है चारों तरफ जहरीली भाप
मुल्क का मुल्क , खित्ता का खित्ता
बदल सकता है – जहरीले गैस-चैंबर में ।
सावधान !
भेड़िए का रोना अच्छा नहीं होता ! सावधान !!
— आदित्य कमल
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