उत्तराखंड के हल्द्वानी अतिक्रमण मामले में सुप्रीमकोर्ट ने बुलडोज़र कार्रवाई पर रोक लगाई..
अगली सुनवाई 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट करेगा
सुप्रीमकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया, हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीमकोर्ट ने रोक लगाई…
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है सुनवाई
जस्टिस कौल ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बारे में पूछने पर वकील कोलिन गोंजालविस हाई कोर्ट का आदेश पढ़ रहे हैं।
गोंजाल्विस ने बताया कि वहा स्कूल कॉलेज और कालोनियां है।
उन्होंने कहा कि 50 हज़ार लोग हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित होंगे।
जस्टिस कौल ने पूछा जो लोग ने नीलामी में जमीन खरीदा है उसे आप कैसे डील करेंगे?
वहां लोग 50-60 साल से रह रहे है कोई तो पुनर्वास की योजना होनी चाहिए।
पुनर्वास को लेकर इसके लिए कोई स्किम तो होना चहिए।
कोर्ट ने कहा कि हम समझते है कि रेलवे के विकास को काम नही रुकना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा नही है कि आप विकास के लिए उन्हें हटा रहे है। आप सिर्फ अतिक्रमण हटा रहे है।
रेलवे की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा यह यह एक दिन में कदम नही उठाया गया है। इसके लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है।
कोर्ट ने पूछा उत्तराखंड या रेलवे की तरफ से कौन है?
रेलवे की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि कुछ अपील पेंडिंग है लेकिन किसी भी मामले में कोई रोक नही है।
जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि यह मामला मानवीय मामला है। ऐसे किसी को जगह खाली करने के लिए कैसे कह सकते हैं?
आप केवल 7 दिनों का समय दे कर कह सकते है कि जगह खाली किया जाए।
उन्होंने कहा कि लोग कई सालों से वहाँ रह रहे है उनके पुनर्वास के लिए कोई स्किम?
वकील गोंजाल्विस ने कहा कि प्रभावित होने वाले लोगों के पक्ष को सुना नहीं गया था पहले भी और फिर से वही हुआ।
हमने राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि रेलवे के स्पेशल एक्ट के तहत हाईकोर्ट ने कार्रवाई करके अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया।
ASG ने कहा कि यह मामला अवैध खनन से शुरू हुआ था।
जस्टिस कॉल ने कहा है कि हमें इस मामले को सुलझाने के लिए प्रैक्टिकल एस्पेक्ट्स अपनाना होगा
कोलिन ने कहा कि वहां की जमीन का बड़ा हिस्सा राज्य सरकार का है। रेलवे के पास वहा पर जमीन का हिस्सा कम है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के 7 दिन में जगह खाली कराने का आदेश सही नही।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई।
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फिलहाल तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट 7 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई। तब तक जमीन पर आगे निर्माण कार्य और विकास कार्य पर रोक लगाई।
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