पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान “कृषि लागत एवं मूल्य आयोग” की मीटिंग में किसानों का पक्ष रखा-
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2026-27 की रबी फसलों (चना, मसूर, गेहूँ, सरसों व अन्य तिलहन) के विपणन सत्र के लिए मूल्य नीति निर्धारित करने हेतु 16 जून 2025 को उचित अम्बेडकर भवन, नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। यह बैठक आयोग के चेयरमैन विजय पॉल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
भारत सरकार के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की इस बैठक में देश के विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से संगठन के चेयरमेन अशोक बालियान ने देश के किसानों के हित में कई सुझाव और प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखते हुए कृषि उपज का उचित मूल्य देने की आवश्यकता पर जोर देने के साथ ही कृषि उपज का अधिकतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का अनुरोध किया गया।
इसके बाद सभी प्रकार के दलहनों के आयात पर ड्यूटी लगाने की मांग की, ताकि अत्यधिक आयात पर अंकुश लग सके, क्योंकि तुअर, उड़द, मसूर, चना, मटर सहित अन्य दलहनों के भारी आयात से किसानों को नुकसान हो रहा है।
पीजेंट के चेयरमेन अशोक बालियान ने कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, रूस, म्यांमार, जिम्बाब्वे, मलावी, केनिया और साउथ अफ्रीका से बड़े पैमाने पर आयातित दलहनों का भी उल्लेख किया, जिससे घरेलू कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है ।
भारत के किसानों को अच्छी गुणवत्ता (Best Quality) के बीज उपलब्ध कराने पर भी बल दिया गया, ताकि फसल में बीमारियों और कीटों की समस्या से बचा जा सके और बेहतर फसल प्राप्त हो सके। एक महत्वपूर्ण मांग पूरे भारत में कृषि उपज मंडी शुल्क को एक समान 0.50% करने की थी।
मीटिंग के अंत में मटर के अत्यधिक आयात से चने और मसूर के दाम कम होने और किसानों को हो रहे नुकसान पर चिंता व्यक्त की है।