हसनपुर/अमरोहा। सैदनगली के एक गांव निवासी महिला आरक्षी की मौत का राज मोबाइल की कॉल डिटेल से खुल गया है। शारीरिक व आर्थिक शोषण से त्रस्त होकर उसने फांसी के फंदे पर लटक कर जान दी थी। मृतका के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित आइटीबीपी में तैनात सिपाही के खिलाफ गाजीपुर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
लखनऊ के मड़ियांव में तैनात महिला आरक्षी की लाश गत 27 मई को इंदिरा नगर स्थित किराए के मकान में फांसी के फंदे पर लटकी मिली थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। जिसमें हैंगिंग की पुष्टि हुई थी लेकिन, स्वजन खुदकुशी की कहानी को मानने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी।

पिता की तहरीर पर सिपाही के खिलाफ गाजीपुर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज

जिसमें पता चला कि सैदनगली थाने के ही गांव निवासी आइटीबीपी में तैनात सिपाही उसको ब्लैकमेल कर रहा था। शारीरिक शोषण करने के साथ ही उसके खाते से 12 लाख 40 हजार रुपये निकलवाने की बात सामने आई है। उसके उत्पीड़न से तंग आकर महिला आरक्षी ने खुदकुशी की थी।

महिला आरक्षी का चयन वर्ष 2019 में हुआ था। चार साल तक वह गाजीपुर कोतवाली में तैनात रही। करीब दो साल से मड़ियांव में डयूटी कर रही थी। पिता की तहरीर पर गाजीपुर पुलिस ने आरोपित सिपाही सत्वंत निवासी ईसापुर शर्की थाना सैदनगली के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने में प्राथमिकी दर्ज की है। आरोपित महिला आरक्षी का दूर का रिश्तेदार है। इसलिए, आरोपित का उसके घर पर आना जाना था।
प्रभारी निरीक्षक गाजीपुर विकास राय ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर पूरे मामले की जांच की जा रही है। आरोपित की तलाश के लिए टीम लगाई गई है।

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