पर्ल ने लगाए हैं ये आरोप
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि पर्ल ने आरोप लगाया है कि प्रदीप सिंह घुमन ने गलत तरीके से पटियाला में ट्रस्ट को पंजीकृत कराया है। पुलिस ने पर्ल को पक्ष रखने के लिए मसूरी बुलाया है। उधर, अरविंद सिंह चौहान का कहना है कि अगर पुलिस उनकी तहरीर पर 14 दिन के भीतर प्राथमिकी दर्ज नहीं करती तो वह न्यायालय की शरण लेंगे।
वर्तमान में नोएडा में दो बेटों संग रह रही हैं पर्ल
महारानी पृथ्वी जिंद कौर की बेटी रतन बीर कौर अपने दो बेटों आकाश और शिवाया के साथ नोएडा में रह रही हैं। महारानी ने अपनी वसीयत में दिल्ली के फ्रेंडस कालोनी स्थित 1053 वर्ग मीटर में बने बंगले को रतन बीर कौर के नाम किया था। महारानी शीतकाल में इसी बंगले में रहती थीं। सात मई-2018 को उनकी मृत्यु भी दिल्ली में ही हुई थी। इसके बाद रतन बीर कौर ने दिल्ली का बंगला बेचकर नोएडा में एक बंगला खरीद लिया।
बेटे की मृत्यु के बाद भंग होना था ट्रस्ट
महारानी ने संगरूर पंजाब स्थित अपने पति के पैतृक बंगले का वारिस अपने छोटे बेटे अमर बीर सिंह को बनाया था। साथ ही वसीयत में चुकलेस के लिए एक करोड़ रुपये की धनराशि सुरक्षित रखने को भी कहा था। यह भी कहा था कि चुकलेस की देखभाल के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में यह रकम सुरक्षित रहेगी। चुकलेस के निधन के बाद महारानी ने ट्रस्ट को भंग कर यह धनराशि सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट आंध्र प्रदेश को देने का जिक्र वसीयत में किया है।
बता दें कि महारानी के निधन के कुछ माह बाद ही चुकलेस का भी निधन हो गया था। महारानी की तीन संतानों में वर्तमान में केवल बेटी जीवित है। उनके दूसरे बेटे भारत बीर सिंह का भी निधन वर्ष-1988 में हो गया था। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही कि चुकलेस के लिए अलग ट्रस्ट बनना था या फिर महारानी के नाम पर बनाए गए ट्रस्ट में ही उसे शामिल किया जाना था।
एटकिन के नाम वसीयत में किए थे 15 लाख रुपये
महारानी ने अपनी वसीयत में प्रख्यात लेखक बिल एटकिन को 15 लाख रुपये देने का जिक्र भी किया है। इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि एटकिन महारानी के सभी कामकाज देखते थे। ऐसे में महारानी ने उन्हें अपने निजी सचिव का दर्जा भी दे दिया था। यही नहीं, महारानी ने अपने दिल्ली व मसूरी स्थित बंगले के सेवकों के परिवार को भी पांच-पांच लाख रुपये देने का जिक्र वसीयत में किया है।