मऊ। शासन ने जिले के मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को 26, 67, 627 मानव दिवस रोजगार देने का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में निर्धारित कर दिया गया है। इसके साथ ही मजदूरी में भी बढ़ोतरी की गई है। इससे मनरेगा श्रमिकों की आय बढ़ेगी और आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे।
जिले में लगभग 3,03,403 मनरेगा जॉब कार्ड धारक है। इसमें लगभग 1,84,827 एक्टिव जॉब कार्ड धारक है। ग्राम पंचायतों में रोजगार के साधन नहीं होने से ग्रामीणों को रोजगार के लिए दूसरे प्रांतों और विदेशों में जाना पड़ता था। इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। मनरेगा योजना के तहत बेरोजगार ग्रामीणों को ग्राम पंचायत में ही रोजगार मिलने लगा है। इससे ग्राम पंचायत के लोगों को काफी सहूलियत हो रही हैं।
रोजगार के लिए दूसरे प्रांतों और विदेशों में नहीं भटकना पड़ रहा है। जिले के 645 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग 26,67,627 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में 35,39,868 मानव दिवस रोजगार सृजन किया था। इस वित्तीय वर्ष में पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 8,72,241 मानव दिवस रोजगार कम सृजित किया गया है।

मजदूरी में पंद्रह रुपये का इजाफा

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 237 रुपये मजदूरी का भुगतान किया जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने मनरेगा जाबकार्ड धारकों के मजदूरी में 15 रुपये का इजाफा किया है। अब जाबकार्ड धारकों को 252 रुपये प्रतिदिन की दर से मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। इससे मनरेगा श्रमिकों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा।

100 दिन के रोजगार की गारंटी

विभाग की मानें तो मनरेगा योजना के तहत जाबकार्ड धारकों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार ग्राम पंचायत में दिया जाता है। इनकी मजदूरी का भुगतान सीधे जाबकार्ड धारकों के खाता में किया जाता है।

मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को मानव दिवस कार्य देने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। पिछले साल की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष में मजदूरी के दर में बढ़ोतरी की गई है। इसका सीधा लाभ जाबकार्ड धारकों को मिलेगा।- उपेंद्र पाठक, डीसी मनरेगा, मऊ

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