लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को छह आइएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। पांच जिलों में नए जिलाधिकारी तैनात किये गए हैं। कुशीनगर के जिलाधिकारी एस.राजलिंगम को वाराणसी का डीएम बनाया गया है। अभी तक वाराणसी के डीएम का अतिरिक्त प्रभार मंडलायुक्त वाराणसी कौशल राज शर्मा के पास था। हाथरस के डीएम रमेश रंजन को डीएम कुशीनगर तैनात किया गया है। हापुड़ पिलखुआ विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष अर्चना वर्मा को डीएम हाथरस के पद पर भेजा गया है। बदायूं की डीएम रहीं दीपा रंजन अब डीएम बांदा होंगी। विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार को बदायूं का डीएम बनाया गया है। डीएम बांदा अनुराग पटेल को प्रतीक्षारत कर दिया गया है।
सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले एस. राजलिंगम 2009 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। उनकी गिनती तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है। उभ्भा कांड के बाद राजलिंगम को सोनभद्र का डीएम बनाया गया था। उनकी गिनती लोकप्रिय अफसरों में होती है। ज्यादातर अंग्रेजी में संवाद करने वाले राजलिंगम मूल रूप से एस. राजलिंगम मूल रूप से तमिलनाडु के तेनकाशी जनपद के रहने वाले हैं। वह बेहद सामान्य परिवार से आते हैं। राजलिंगम ने भी इंजीनियरिंग की है। एनआईटी त्रिचरापल्ली से सिविल सर्विस में आने के बाद प्रथम नियुक्ति बांदा जनपद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुई थी।
उसके बाद एस. राजलिंगम को मुख्य विकास अधिकारी के रूप में देवरिया और जिलाधिकारी के रूप में औरैया, सुल्तानपुर, एवं सोनभद्र में तैनात रहे हैं। शासन में दुग्ध विकास विभाग, वाणिज्य कर विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, नगर विकास तथा आयुक्त नगर निगम अयोध्या के पदों पर तैनात रहे हैं। इसके बाद वाराणसी में डीएम के पद पर उनकी पहली तैनाती है।
बता दें कि एस. राजलिंगम को 2021 में कुशीनगर का जिलाधिकारी बनाया गया था। उन्होंने जब कार्यभार संभाला तभी कोरोना महामारी का प्रकोप फैल गया। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने बेहतरीन काम किया, जिसकी लोगों ने काफी तारीफ की। कुशीनगर एयरपोर्ट समेत कई विकास योजनाओं को उन्होंने पूरा करवाया। पीएम नरेन्द्र मोदी भी उनकी पीठ थपथपा चुके हैं। इसी साल 28 जुलाई में उनका स्थानांतरण वाराणसी किया गया था, लेकिन 29 जुलाई को ही जनहित में सीएम योगी आदित्यनाथ ने तबादला निरस्त कर दिया था।
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