वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रण के दावे फेल हो गए हैं। तीन वर्षों में जिला प्रशासन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई बेहतर व्यवस्था नहीं दे पाया।
दो माह पहले जिला प्रशासन और सेवायतों की बैठक में मंदिर के अंदर वीआईपी कटहरा को अव्यवस्था का प्रमुख कारण माना गया। इसे हटाने पर मंथन हुआ। लेकिन अब तक वीआइपी कटहरा हट नहीं पाया। दिसंबर अंत में आराध्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी तो हालात फिर बिगड़ेंगे।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। दो वर्ष पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन ने मंदिर आने और बाहर निकलने के लिए वन-वे रूट व्यवस्था लागू कर दी। इससे भी बात नहीं बनी तो मंदिर के रास्ते में बैरियर पर श्रद्धालुओं को रोककर आगे बढ़ाने की कवायद की गई। लेकिन मंदिर के अंदर और बाहर व्यवस्था संभालने की हर कवायद फेल हो गई।
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ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। दो वर्ष पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन ने मंदिर आने और बाहर निकलने के लिए वन-वे रूट व्यवस्था लागू कर दी। इससे भी बात नहीं बनी तो मंदिर के रास्ते में बैरियर पर श्रद्धालुओं को रोककर आगे बढ़ाने की कवायद की गई। लेकिन मंदिर के अंदर और बाहर व्यवस्था संभालने की हर कवायद फेल हो गई।
भीड़ प्रबंधन पर किया था मंथन
जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेष कुमार पांडे ने अक्टूबर में पर्यटक सुविधा केंद्र पर मंदिर सेवायतों और स्थानीय लोगों के साथ भीड़ नियंत्रण के लिए मंथन किया। बैठक में माना गया कि मंदिर के अंदर दर्शन के लिए लगे वीआइपी कटहरे से और स्थिति बिगड़ती है। इस मामले में मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन से बात कर कटहरा हटाने का निर्णय लिया गया, लेकिन अब तक कटहरा नहीं हट सका।
नहीं शुरू हुई आनलाइन पंजीकरण व्यवस्था
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में आनलाइन पंजीकरण कराकर श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की योजना जिला प्रशासन ने बनाई। इसके लिए एक वर्ष पहले पर्यटक सुविधा केद्र पर खिड़की भी खोली। ताकि जो भक्त आनलाइन पंजीकरण न करा सकें, वे वहां पंजीकरण कराकर मंदिर में दर्शन कर सकें। बावजूद इसके अब तक आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था लागू नहीं हो सकी।
अब तक हुई व्यवस्था
- 21 अगस्त 2022 से मंदिर में वन-वे रूट और गेट पर बैरिकेडिंग कर दी गई। वीआइपी के लिए भी गेट संख्या दो से ही प्रवेश की शुरुआत।
- 22 अगस्त 2022 को मंदिर के गेट संख्या एक और दो के बीच बैरिकेडिंग, चबूतरे पर बैरिकेडिंग।
- 24 अगस्त 2022 को मंदिर के अंदर रेलिंग व्यवस्था से श्रद्धालुओं का प्रांगण में प्रवेश।
- 12 सितंबर 2022 से बाजार में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर श्रद्धालुओं को रोक-रोककर आगे बढ़ाने की कवायद शुरू।
- 16 सितंबर 2022 विद्यापीठ चौराहा पर बैरिकेडिंग कर श्रद्धालुओं को रोककर आगे बढ़ाने की कवायद शुरू। स्थानीय निवासियों के दो पहिया वाहनों पर प्रतिबंध।
- 18 सितंबर 2022 को बाजार में रस्से बांधकर श्रद्धालुओं को कतारबद्ध तरीके से मंदिर में प्रवेश शुरू कराया। व्यवस्था कुछ दिन बाद फेल हो गई।
- 14 नवंबर 2022 को भीड़ मंदिर में आए दर्शनार्थियों को कतारबद्ध होकर मंदिर तक प्रवेश दिया। दो किमी तक लाइन लगी तो हफ्ते भर में व्यवस्था फेल।
- 22 दिसंबर 2022 को विद्यापीठ चौराहा पर बैरिकेडिंग कर गेट बनाया। इसमें से एंट्री करने लगे श्रद्धालु।