यरुसलम। इजरायली आम चुनावों में करीब 90 फीसद गिनती पूरी हो चुकी है। इसके बाद दिग्गज नेता नेतन्याहू के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना है। नेतन्याहू की पार्टी लिकुड और इसके दक्षिणीपंथी सहयोगियों को स्पष्ट बहुमत मिलने वाले हैं।
- 4 सालों से भी कम अवधि में पांचवीं बार कराया गया आम चुनाव
- राष्ट्रपति हरजोग ने यरूशलम में डाला अपना वोट
- लगभग 67.8 लाख लोगों को 25वीं नेसेट (इजरायली संसद) के लिए मतदान का अधिकार है
नेतन्याहू ने पहले से ही अपनी जीत को लेकर पूरा भरोसा जताया था। भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे नेतन्याहू ने वर्ष 2009 के बाद पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी पार्टी लिकुड को सत्ता-विरोधी लहर का फायदा मिलेगा।
नेतन्याहू का मुकाबला मौजूदा प्रधानमंत्री येर लैपिड से है। लैपिड को उम्मीद है कि उनकी मध्यमार्गी येश अतिद पार्टी दूसरे स्थान पर रहेगी। रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज को अपनी नवगठित नेशनल यूनिटी पार्टी से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
- अगली सरकार की संभावना इन दो बातों पर निर्भर है-
- पहला दक्षिणपंथी ध्रुवीकरण, जिसके नेतन्याहू के पक्ष में होने की पूर्ण संभावना नहीं है।
- दूसरा- मतदाताओं की उदासीनता, खासकर अरब क्षेत्र में।
हालांकि, राष्ट्रवादी रिलीजियस जियोनिज्म ब्लाक व उसके प्रभावशाली सह-नेता इतामार बेन-गवीर का अभियान मतदान को गति देने में मददगार साबित हो रहा है। इजरायल की 120 सदस्यीय संसद में बहुमत का जादुई आंकड़ा- 61 सीटें हैं। बता दें कि देश में पिछले चार चुनावों में किसी को भी स्पष्ट जनादेश नहीं मिला था । कभी-कभी गठबंधन केवल एक वोट से भी सरकार बनाने से चूक गए।
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