उरुवां बाजार। सिकरीगंज के दुघरा पुलिस चौकी से एक किलोमीटर दूरी पर स्थित कनहौली गांव में पुलिसकर्मियों पर हुए हमले की घटना के बाद जो लोग गांव छोड़कर भागे थे मंगलवार को वह लौटने लगे। हमलावर और उनका परिवार ही अभी गांव में नहीं आया है।
सैकड़ों की आबादी वाले गांव में यूं तो चहल पहल दिख रही है लेकिन जैसे ही गश्ती करती पुलिस की गाड़ी पहुंच रही है, गलियों में सन्नाटा पसर जा रहा है। चौकी प्रभारी व सिपाही पर हमले के मामले में 35 आरोपितों में अभी तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य सभी घर-बार छोड़कर फरार हैं।
घर बार छोड़ने वालो में अधिकांश लोग रिश्तेदारी में चले गए हैं वहीं कुछ लोगों ने पड़ोस के गांव में शरण लिया है। घटना के बाद से ही हजारों की आबादी वाले कनहौली गांव में खामोशी छाई हुई है। इस टोले में रहने वाले दूसरे परिवार के लोग भी रविवार की शाम को हुई घटना के बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
इसकी वजह पुलिस का कड़ा रुख है,लोगों काे डर हैं कि कुछ बोलने पर कहीं वह लोग निशाने पर न आ जाएं।मुख्य आरोपित श्रवण के घर केवल उसकी मां शांति देवी हैं जो पशुओं की देखभाल कर रही हैं। दूसरे आरोपित राजन के घर ताला लटका है। सोमवार को गांव के दीपचंद,हनुमान,भोला, दीपक,भजुराम परिवार ने बताया कि घटना के बाद पूरे गांव के लोग भयाक्रांत थे।अब धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है लेकिन पुलिस की छापेमारी जारी है।
20 नामजद,15 अज्ञात पर दर्ज है मुकदमा
दुघरा चौकी प्रभारी राकेश कुमार व सिपाही विनीत पर हमला करने के मामले में सिकरीगंज थाने के एसएसआइ भूपेंद्र ने कनहौली गांव के श्रवण यादव, डब्लू उर्फ गामा, रामसिंह यादव, महातम, विकास, आकास, अनिल, अमित, निलेश यादव, प्रेम यादव,रिपुंजय धोबी, प्रियंका, शांति, सुशीला, राजन, विनय, नीरज, मनीष, धर्मनाथ, रामजीत व 15 अज्ञात पर बंधक बनाकर हत्या की कोशिश करने, बलवा, सरकारी कार्य में बाधा डालने,सेवन सीएलए के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। सोमवार को पुलिस ने मुख्य आरोपित श्रवण यादव,राजन यादव के अलावा सहयोगी नीरज यादव, महातम यादव और विनय को जेल भेजा था।
यह है मामला
कनहौली गांव के श्रवण यादव व राजन यादव के परिवार में संपत्ती बंटवारे को लेकर 10 वर्ष से विवाद चलता है।रविवार की दोपहर को दोनों पक्ष के बीच कहासुनी के बाद मारपीट व पथराव शुरू हो गया। श्रवण के सूचना देने पर दुघरा चौकी प्रभारी राकेश कुमार व सिपाही विनीत को मौके पर पहुंचे।
आरोप है कि उस समय दोनों पक्ष के 35 लोग एक-दूसरे पर पथराव कर रहे थे। मोबाइल से वीडियो बनाने पर आपस में मारपीट छोड़कर इन लोगों ने चौकी प्रभारी व सिपाही को घेर लिया। वीडियो बनाने पर आपत्ति जताते हुए मोबाइल फोन छीनने लगे। विरोध करने पर पिटाई कर बंधक बना लिया। चंगुल से छूटने पर विनीत ने सूचना दी तो फोर्स के साथ गांव में पहुंचे एसएसआइ ने चौकी प्रभारी को मुक्त कराने के साथ ही अस्पताल में भर्ती कराया।