बहादुरगढ़। पांच दिवसीय दीवाली महोत्सव मंगलवार से शुरू हो रहा है। इसमें धनतेरस को प्रथम स्थान दिया गया है। इस दिन विशेष रूप से दीवाली की खरीददारी की जाती है। इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार महोत्सव के प्रथम दिन स्वास्थ्य व सेहत के देवता धनवंतरी जी की उपासना की जाती है।
पंडित सुरेश भारद्वाज ने बताया कि हम सभी जानते हैं कि बिना उत्तम स्वास्थ्य के हम सांसारिक सुखों का भोग नहीं कर सकते तथा खराब स्वास्थ्य केवल शारीरिक कष्ट ही नहीं अपितु समस्त परिवार के लिए दुखों का कारण बन जाता है। आज के युग में अकाल मृत्यु तथा रोग अत्यंत साधारण से बन गए हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन विधि विधान से की गई पूजा अर्चना न केवल असाध्य रोगों से मुक्ति अपितु समस्त ऐश्वर्यों की प्राप्ति के द्वार भी खोलती है।

धनतेरस पर खरीदारी मुहूर्त

पंडित नारायण भारद्वाज ने बताया कि इस त्रयोदशी तिथि मंगलवार को 10:31 बजे से आरंभ मानी गई है। इस तिथि के प्रदोष काल में खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना गया है। वैसे इस बार मंगलवार और बुधवार को धनतेरस मनाई जा रही है।

मंगलवार को सुबह 10:31 बजे से अगले दिन 30 अक्टूबर को दोपहर एक बजकर 15 मिनट तक त्रयोदशी तिथि है। इस दौरान खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त बन रहा है।

धनतेरस पर क्या न खरीदें

उन्होंने बताया कि पंचांग गणना के अनुसार धनतेरस पर हमें भगवान श्रीगणेशजी, लक्ष्मी जी, कुबेर देवता तथा धनवंतरी देव का विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए। इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन मुहूर्त पर खरीदारी करने से वही विशेष वस्तु 13 गुण बढ़कर सारे वर्ष हमें प्राप्त होती है। स्वर्ण-चांदी के आभूषण व उत्तम धातु के बर्तन खरीदने का विशेष रूप से महत्व है।

गमले में लगाएं धनियां

लोहे के बर्तन खरीदना उत्तम नहीं बताया जाता। इसलिए इस दिन चांदी व पीतल के बर्तन खरीदने का ही प्रयास करना चाहिए। नई झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक मानी गई है।

इसलिए नई झाड़ू घर पर लाकर प्रयोग से पहले पूजना भी अति उत्तम माना गया है। मंदिर अथवा शुभ स्थान पर झाड़ू का दान भी सुख समृद्धि की वृद्धि करने वाला माना गया है।

इस दिन शुभ मुहूर्त पर साबुत धनिया खरीद कर लाएं तथा उसे घर के गमले में लगा दें। जैसे-जैसे पौधा बड़ा होगा आपके घर में सुख व समृद्धि की वृद्धि होगी।

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *