भारत इतिहास रचने से बस एक कदम दूर है

वह ऐतिहासिक क्षण अब कुछ ही घंटे दूर है जिसका पूरी दुनिया को बेसब्री से इंतजार है। आज घड़ी में शाम को 6 बजकर 4 मिनट होते ही चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल ( LM ) चांद की सतह पर अपने पांव टिका देगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा। इस कोशिश में बीते दिनों रूस का लूना-25 नाकाम हो चुका है। इसके चलते चंद्रयान-3 की सफलता से और भी ज्‍यादा उम्‍मीद बढ़ गई है। पूरे देश में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थनाओं का दौर जारी है। चंद्रयान-3 मिशन भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO का तीसरा महत्‍वाकांक्षी मिशन है। मिशन के तहत चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल आज शाम को चांद की सतह पर उतरेगा। यह लैंडर मॉड्यूल लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से लैस है। चांद की सतह पर उतरते ही भारत इस प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। लैंडर मॉड्यूल के आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। चार साल में चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में उतरने की यह ISRO की दूसरी कोशिश है। अगर उसे आज इसमें सफलता मिलती है तो वह इतिहास रच देगा । अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। चांद की सतह पर बेशक अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं। लेकिन, उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर नहीं हुई है। ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश होगा।

सॉफ्ट-लैंडिंग की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को ISRO अधिकारियों सहित कई लोगों ने ‘17 मिनट का खौफ’ करार दिया है। लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया स्वायत्त होगी। इसके तहत लैंडर को अपने इंजन को सही समय और उचित ऊंचाई पर चालू करना होगा। उसे सही मात्रा में ईंधन का उपयोग करना होगा। नीचे उतरने से पहले यह पता लगाना होगा कि किसी प्रकार की बाधा या पहाड़ी क्षेत्र या गड्ढा नहीं हो। सभी मापदंडों की जांच करने और लैंडिंग का निर्णय लेने के बाद ISRO बेंगलुरु के निकट बयालालू में अपने भारतीय गहन अंतरिक्ष नेटवर्क से निर्धारित समय पर लैंडिंग से कुछ घंटे पहले सभी आवश्यक कमांड LM पर अपलोड करेगा▪️

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