लाहौर. भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह को आज सुबह पाकिस्तान के लाहौर के जौहर टाउन में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया. वह जौहर कस्बे स्थित सनफ्लावर सोसाइटी में सुबह करीब 6 बजे अपने घर के पास टहल रहा था, तभी मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात लोगों ने उनकी हत्या कर दी.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, हमले के वक्त परमजीत के साथ एक बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी भी थी, जो गोलीबारी में घायल हो गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कौन था परमजीत पंजवार?
भारतीय राज्य पंजाब में ड्रोन के जरिये ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में शामिल परमजीत का जन्म तरन तारन के पास पंजवार गांव में हुआ था. वह 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह द्वारा कट्टरपंथी बना जाने के बाद केसीएफ में शामिल हो गया. इससे पहले वह सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम करता था.
भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद, 1990 के दशक में परमजीत पाकिस्तान भाग गया था और वहीं से उसने केसीएफ की कमान संभाली. पाकिस्तान द्वारा शरण दिए जाने वाले सबसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों की लिस्ट में टॉप पर मौजूद परमजीत ने सीमा पार हथियारों और हेरोइन की तस्करी के जरिये धन जुटाकर केसीएफ को जीवित रखा. पाकिस्तान सरकार द्वारा इनकार के बावजूद, वह लाहौर में डटा रहा, जबकि उसकी पत्नी और बच्चे जर्मनी चले गए थे.
केसीएफ प्रमुख परमजीत भारत में सिख चरमपंथ को बढ़ावा देने के साथ-साथ हत्या, हत्या की साजिश और हथियारों की तस्करी के लिए वॉन्टेड था. वह पूर्व सेना प्रमुख जनरल एएस वैद्य की हत्या और लुधियाना में देश की सबसे बड़ी बैंक डकैती के मामले में भी वांछित था. उसे जुलाई 2020 में यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था.
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