नए साल पर भीड़ के पहुंचने की संभावना
आगरा से 80 किलोमीटर दूर स्थित बाह का चंबल सेंचुरी पर्यटन स्थल के रूप में इन दिनों तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। वन विभाग के आउटर रेंज के अंतर्गत आने वाले चंबल में बड़े-बड़े पत्थरों के बीच चंबल नदी की निकलती धाराओं का दृश्य देखकर लोग आनंदित हो जाते हैं। क्रिसमस के बाद अब नए साल और मकर संक्रांति में बड़ी संख्या में लोगों की पहुंचने की संभावना है।
ठहरने को बने हैं कई रिजॉर्ट
जंगलों से घिरा यह टूरिस्ट प्लेस मनोरम होने के साथ जोखिम से भरा भी है। इसलिए सैलानियों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। बिना लाइफ जैकेट या ट्यूब के बिना नदी में जाने की मनाही है। अविरल बहने वाले प्राकृतिक पानी का मनोरम दृश्य सैलानियों को आकर्षित करने को तैयार है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरे चंबल में ठहरने की सुविधाएं भी हैं। आसपास बने रिजॉर्ट में पर्यटक बाेनफायर का आनंद ले सकते हैं।
बोटिंग का भी मजा ले सकेंगे टूरिस्ट
इसके अलावा यहां आने वाले पर्यटक चंबल नदी में बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं। खास बात ये है कि बाइकर्स भी मस्ती करने पहाड़ियों पर पहुंचते हैं। खासकर सर्दी के मौसम में पर्यटक यहां पिकनिक के लिए परिवार व दोस्तों के साथ हर साल पहुंचते हैं। यहां नदी में जलीय जीव को मस्ती करते देखा जा सकता है।
पर्यटकों के लिए खास इंतजाम
रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि जल प्रपात तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए वन विभाग द्वारा सुरक्षा के लिए इंतजाम किए गए हैं। चंबल में घड़ियाल, मगरमच्छ, डाल्फिन समेत प्रवासी पक्षी देखे जाते हैं। साथ ही लकड़बग्घा, तेंदुआ, काला हिरण, सांभर भी यहां हैं।
कैसे पहुंचें चंबल सेंचुरी
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से नेशनल चंबल सेंचुरी की दूरी लगभग 118 किलोमीटर की है। आगरा-बाह मार्ग से 107 किलोमीटर की दूरी है। यहां कार व बसों से जाया जा सकता है।
- आगरा−झांसी रेलमार्ग पर धाैलपुर स्टेशन पर उतरकर भी यहां से पहुंचा जा सकता है। हालांकि यहां सीमित ही होटल्स हैं। इसलिए बेहतर ये है कि आगरा में ठहरकर यहां से टैक्सी से धाैलपुर या पिनाहट जा सकते हैं। सड़क मार्ग से आगरा से दोनों ही जगहें 50 किलोमीटर की दूरी पर हैं।