गाजियाबाद। एनसीआर का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। गाजियाबाद समेत प्रदेश के 25 जिले हीट वेव को लेकर अतिसंवेदनशील घोषित किए गए हैं। बजट आवंटित करते हुए कोल्ड रूम बनाये जा रहे हैं। पिछले साल हीट स्ट्राक के 656 केस सामने आए थे और आन रिकॉर्ड 21 लोगों की मौत हुई थी।
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मार्च और अप्रैल में ही सक्रिय हो गया है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में हीट वेव से परेशान लोग पहुंचने लगे हैं।
ऐसे में बचाव को लेकर बेहद सावधानी बरतने और बेहतर देखभाल की जरूरत है। इसी को लेकर दैनिक जागरण के मदन पांचाल ने जिला एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश।

हीट वेव क्या है और इसके लक्षण क्या-क्या हैं?

हीट वेव असामान्य रूप से गर्म मौसम की अवधि है जो आम तौर पर दो या अधिक दिनों तक चलती है। गाजियाबाद का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऐसे में हीट वेव चलने लगी हैं। हीट स्ट्रोक की बीमारी तब होती है, जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) या इससे अधिक तक पहुंच जाता है।

ऐसा तब होता है, जब तीव्र शारीरिक गतिविधि या लंबे समय तक गर्मी का संपर्क शरीर को पसीने के जरिए ठंडा होने से रोकता है। भ्रम, ऐंठन और बेहोश होना हीट स्ट्रोक के कुछ लक्षण हैं। कई बार यह जानलेवा भी हो सकता है।

हीट वेब के लक्षण क्या हैं?

हीट वेव से लोगों को चक्कर आना, सिर दर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आना, शरीर में पानी की कमी दस्त होना, उल्टी, पेट दर्द जैसे रोग होने लगते है। ऐसे में तुरंत डाक्टर को दिखाना जरूरी है। अधिक से अधिक पानी पीएं, यात्रा के दौरान पानी जरूर पीएं, ओआरएस का घोल साथ रखें।

गर्मियों में गंभीर रुप से बीमार लोगों को सुबह शाम टहलना जरूर चाहिए। धूप बढ़ने पर केवल आराम करना चाहिए। घर पर पंखे में रहे और बार-बार पानी पीते रहे। दवाओं का नियमित लेते रहे। बाहर का और रात का खाना कतई न खाये। चिकित्सक से सलाह लेने पर ही बाहर निकलें। दवाएं साथ रखें।
स्वास्थ्य संबंधी किसी भी परेशानी के लिए डिप्टी सीएमओ डॉ. राकेश कुमार गुप्ता 8090002018 और सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन के मोबाइल 9454455188 पर कॉल करें।
जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सीएचसी लोनी, डासना, भोजपुर, बम्हैटा, मोदीनगर, मुरादनगर के अलावा 97 उप स्वास्थ्य केंद्र और 54 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर निश्शुल्क जांच करा सकते हैं। प्रसव पीडा होने पर एंबुलेंस के लिए 102 और 108 नंबर मिला सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग की लोगों से अपील

  • नंगे पैर घरों से बाहर नहीं निकले
  • अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ के प्रयोग करने से बचें
  • बासी भोजन का प्रयोग न करें
  • बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में नहीं छोड़ें
  • गहरे रंग और तंग कपड़े नहीं पहने
  • शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि का उपयोग करने बचें
  • हर 20 मिनट बाद पानी पिएं
  • कर्मचारी सीधे सूर्य की रोशनी में काम करने से बचे छाया में काम करें
  • तापमान अधिक होने पर कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करें
  • गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति अधिक तापमान में काम करने के लिए चिकित्सक से सलाह के बाद काम करें।
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