मेरठ। मेरठ में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डीएम दीपक मीणा ने उनका पिस्टल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। कोर्ट में सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया है। तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने लाइसेंस के निरस्तीकरण की रिपोर्ट डीएम को भेजी थी।

छह माह में 62 के लाइसेंस निरस्‍त

याकूब कुरैशी फिलहाल मीट फैक्ट्री के मामले में फरार चल रहे हैं। प्रशासन ने इनके अलावा पिछले छह माह में अपराधिक छवि के 62 लोगों के लाइसेंस निरस्त किए हैं। पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी थाना कोतवाली के सराय बहलीम के रहने वाले हैं।

समाज में भय फैलाने की आशंका

27 दिसंबर 2021 को तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने लिसाड़ी गेट और ब्रह्मपुरी थाने में दर्ज अपराधिक मुकदमों का हवाला देते हुए समाज में भय फैलाने की आशंका के चलते याकूब कुरैशी का पिस्टल लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति डीएम को भेजी थी। डीएम न्यायालय में मामले की सुनवाई चली। डीएम दीपक मीणा ने याकूब कुरैशी का लाइसेंस निरस्त कर दिया है।

पिस्‍टल को जब्‍त करने के आदेश

साथ ही कोतवाली पुलिस को उक्त पिस्टल को जब्त करने के आदेश दिए हैं। बताते चलें कि याकूब कुरैशी इनदिनों फरार चल रहे हैं। वर्ष 2019 में याकूब के परिवार की अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की मीट फैक्ट्री की कारोबारी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। 31 मार्च को पुलिस प्रशासन की टीम ने मीट फैक्ट्री पर छापा मारा तो वहां मीट पैकेजिंग और प्रोसेसिंग का काम चलता मिला। पुलिस ने पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी, पत्नी शमजिदा, बेटा इमरान और फिरोज समेत 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, वह फरार चल रहे हैं।

छह माह में 62 पर गिरी गाज

योगी सरकार ने आपराधिक छवि के लोगों के शस्त्र लाइसेंसों पर नजरें टेढ़ी कर रखी हैं। जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है, जिसमें पिछले छह माह में डीएम दीपक मीणा 62 लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर चुके हैं। इनमें अधिकतर वह मामले हैं, जिनमें पुलिस ने अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से मिलीभगत दर्शाते हुए लाइसेंस का दुरुपयोग होने की आशंका जाहिर की थी।

शाहिद अखलाक की भी सुनवाई

पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के पिस्टल लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई चल रही है। डीएम कोर्ट में मामले की सुनवाई लंबित है। इस मामले में अगली तारीख 20 अक्टूबर लगी है। वर्ष 2019 में गुदड़ी बाजार में हुई फायरिंग के मामले में पुलिस की ओर से पूर्व सांसद शाहिद का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट डीएम को भेजी थी। शाहिद के भाई राशिद और बेटे पर घर के बाहर फायरिंग करने का आरोप लगा था। आरोप है कि पूर्व सांसद की पिस्टल से फायरिंग की गई थी। मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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