अनुज त्यागी
रुद्रप्रयाग/चोपता:पंचकेदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट आज दोपहर 12:00 बजे अक्षय तृतीया को वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ खोल दिए गए हैं। इससे पहले भगवान की डोली चोपता से रवाना होकर मंदिर परिसर पहुंची। पुजारियों ने वैदिक मंत्रों के साथ भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना की।
कपाट खुलने के पश्चात पुजारियों ने वैदिक मंत्रों के साथ भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना की भगवान श्री तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जगाकर श्रृंगार रूप दिया गया.
फोटो-राजसत्ता पोस्ट परिवार से रवि त्यागी अपनी धर्मपत्नी बच्चो सहित
इसके बाद कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए। अब छह माह की नित्य पूजा यहीं पर संपन्न की जाएंगी। इस पावन मौके पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी,मुख्य पुजारी प्रकाश मैठाणी,प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी, अतुल मैठाणी,स्थानीय हक-हकूकधारी समेत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित हैं।भगवान तुंगनाथ मंदिर को कई क्विंटल फूलों से सजाया गया था
तृतीया केदार भगवान तुंगनाथ में भगवान शंकर की भुजा के रूप में विद्यमान है इस लिया यहां पर भगवान शिव की भुजाओं की पूजा होती है, भगवान तुंगनाथ जी का मंदिर विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है यह पंच केदार में से तृतीय नंबर पर आता है बताया जाता है इस मंदिर का निर्माण भी पांडवों के द्वारा ही कर गया था फिलहाल मौजूदा मंदिर 1000 वर्ष से भी अधिक प्राचीन बताया जाता है।।
श्री तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में है।
आज अक्षय तृतीया के दिन सुबह श्री केदारनाथ धाम ,श्री यमुनोत्री धाम मंदिर व श्री गंगोत्री धाम मंदिर के भी विधि विधान के साथ कपाट खुल चुके हैं जिसके साथ ही उत्तराखंड चार धाम यात्रा शुरू हो गई है।
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