उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत में ऐतिहासिक महाभारत क़ालीन लाक्षागृह को शेख बदरुउद्दीन की दरगाह व कब्रिस्तान बताने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को दिनांक 5 फ़रवरी 2024 को जनपद बागपत की एक कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि बरनावा में दरगाह नहीं,बल्कि महाभारत क़ालीन लाक्षागृह की जमीन है।सभी साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश शिवम द्विवेदी ने 54 साल बाद मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है।
बरनावा हिंडन एवं कृष्णा नदी के संगम पर स्थित है। गांव के दक्षिण में लगभग 100 फीट ऊंचा और 30 एकड भूमि पर फैला हुआ विशाल टीला है। इसे महाभारत क़ालीन लाक्षागृह का अवशेष समझा जाता है। इस टीले के नीचे एक गुफा स्थित है।जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा था कि बरनावा में प्राचीन टीले पर शेख बदरूद्दीन की दरगाह और कब्रिस्तान है।
हम भारत के मुस्लिम पक्ष से कहना चाहते है कि विदेशी इस्लामिक हमलावर, जिन्होंने हिंदुओं के पूजा स्थलों को तोड़ा और वहाँ इस्लामिक ढाँचे बनाये, वे सब विदेशी हमलावर थे,जबकि सभी मुस्लिम भारतीय है और उनके पूर्वजों के धर्मस्थल ही उन्होंने तोड़े थे।


भारतीय मुस्लिम पक्ष को इस बीतें इतिहास को पढ़ना चाहिए और विदेश इस्लामिक हमलावरों द्वारा उनके पूर्वजों के पूजा स्थलों को तोड़कर बनाये गये इस्लामिक ढाँचों पर दावा नही करना चाहिए।बरनावा में भी हमने कुछ सबूत संबंधित पक्ष को भेजे थे,ताकि उचित न्याय हो।जिसमें Archaeological Survey of India 1891 की रिपोर्ट मुख्य थी।इस रिपोर्ट के पेज 9 पर दर्ज है कि पुराना हिंदू मंदिर तोड़ा गया था।

लेख।अशोक बालियान, चेयरमैन, पीजेंट वेलफ़ेयर एसो.

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