34 साल के हुए किंग कोहली, जानें विराट के लिए कितने मुश्किल रहे तीन साल, कैसे की वापसी

 

रिपोर्ट-माज अंसारी

भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली 34 साल के हो चुके हैं। किंग कोहली फिलहाल विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा हैं और एक बार फिर उनके ऊपर भारतीय टीम को चैंपियन बनाने का दारोमदार है। विराट इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने अब तक चार पारियों में 220 के औसत से 220 रन बनाए हैं। इस टूर्नामेंट में उनका औसत 144.74 का रहा है। कोहली चार पारियों में तीन अर्धशतक लगा चुके हैं और इस टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाज हैं।

करियर की शुरुआत में विराट की पहचान वनडे फॉर्मेट के बल्लेबाज के रूप में होती थी, लेकिन आगे चलकर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी खुद को साबित किया। टी20 में उनकी क्षमता पर सवाल उठाए गए तो आईपीएल के एक सीजन में चार शतक जड़ दिए। बतौर कप्तान भारतीय टीम को विदेश में टेस्ट जीतना सिखाया। हालांकि, वह अपनी कप्तानी में देश को कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं दिला पाए और इसी बात को लेकर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा।

2019 विश्व कप में जब भारतीय टीम न्यूजीलैंड से हारी तो आलोचकों ने यह ठप्पा लगा दिया कि विराट की कप्तानी में भारत कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाएगा। तीनों फॉर्मेट में कप्तानी कर रहे विराट भारत के लिए लगातार मैच खेल रहे थे और उन पर हर तरह का दबाव था। इसका असर उनकी फॉर्म पर भी पड़ा। लगभग तीन महीने तक वह कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए, लेकिन वह खराब फॉर्म में नहीं थे।

विराट ने अपना आखिरी शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था, लेकिन इसके बाद वह कोई शतक नहीं लगा सके। मार्च 2020 में कोरोना महामारी आई और विराट के लिए मुश्किलें बढ़ गईं। कोहली जैसा खिलाड़ी दर्शकों के बीच मैच खेलना पसंद करता है और ऐसे खिलाड़ियों को दर्शकों से भरे मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मजा आता है। कोरोना की वजह से स्टेडियम में दर्शकों पर बैन लग गया और कोहली बल्ले से रन निकलने भी बंद हो गए।

कोरोनाकाल में बाबर आजम और जो रूट जैसे बल्लेबाज रनों का अंबार लगाते रहे, लेकिन विराट एक शतक तक नहीं लगा सके। यह सिलसिला लगभग तीन साल तक चला।

कप्तानी गई, लेकिन नहीं मानी हार

विराट कोहली कोरोनाकाल में मैच खेल रहे थे, लेकिन वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। लगातार मैच होने की वजह से विराट पर दबाव भी बना हुआ था। कोरोनाकाल की वजह से बायो बबल बने हुए थे और खिलाड़ियों की मानसिक सेहत भी प्रभावित हो रही थी। इस बीच विराट की कप्तानी में भारत ने टी20 विश्व कप 2021 खेला और टीम इंडिया ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। भारत को पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में हार का सामना करना पड़ा।

इस दौरान विराट एकमात्र बल्लेबाज थे, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अर्धशतक लगाया था, लेकिन भारत की हार का ठीकरा उन्हीं के सिर पर फूटा। इस टूर्नामेंट से पहले ही उन्होंने टी20 फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ने का एलान कर दिया था, लेकिन टी20 विश्व कप में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद विराट के कप्तानी छोड़ने को सहर्ष स्वीकार किया गया।

टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने के बाद विराट से वनडे टीम की कप्तानी भी छीन ली गई। इस दौरान बोर्ड के साथ उनकी काफी अनबन हुई। बीसीसीआई अध्यक्ष और विराट के बयान में काफी अंतर था। अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में विराट की अगुवाई में भारत ने टेस्ट सीरीज गंवा दी और उन्होंने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी। तीन महीने के अंदर तीनों फॉर्मेट की कप्तानी गंवाने के बाद विराट अब बल्ले के साथ कमाल करना चाहते थे, लेकिन यह आसान नहीं था।

क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने कहा कि विराट को किसी एक फॉर्मेट से संन्यास ले लेना चाहिए। आलोचकों ने तो यहां तक कह दिया कि विराट अब टीम पर बोझ हैं और उनकी जगह युवा खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए। हालांकि, कई दिग्गजों को विराट पर यकीन था और कोहली को भी पूरी भरोसा था कि वह वापसी करेंगे।

आईपीएल 2022 के बाद विराट इंग्लैंड दौरे पर गए, लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने लगभग एक महीने का ब्रेक लिया। परिवार के साथ समय बिताया। जब वह वापस लौटे तो उनके हाव-भाव में ताजगी नजर आ रही थी। कोहली ने बताया कि वह पूरी तरह से मैच के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन झूठी आक्रामकता दिखाकर खेल रहे थे। ब्रेक के बाद वह तरोताजा हैं और अब एक बार लय में आते ही वह पुराने अंदाज में रन बरसाएंगे। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 साल में यह पहला मौका था, जब एक महीने तक उन्होंने अपने बल्ले को हाथ तक नहीं लगाया।

इस ब्रेक के बाद ही विराट पुरानी लय में लौट आए। उन्होंने एशिया कप में छोटी, लेकिन उपयोगी पारियां खेलीं और पुराने अंदाज में रन बनाने लगे। भारत फाइनल की रेस से बाहर हो गया, लेकिन आखिरी मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ विराट ने पारी की शुरुआत करते हुए शतक जड़ दिया। अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में यह विराट का पहला शतक था। उन्होंने 1020 दिन बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक लगाया और फॉर्म में वापसी का एलान कर दिया।

इसके बाद विराट पुराने अंदाज में रन बनाने लगे। उन्होंने पांच पारियों में एक अर्धशतक लगाया, लेकिन वह लय में दिख रहे थे। इस बीच उन्होंने नाबाद 49 रन भी बनाए।

टी20 विश्व कप में किया कमाल

टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मुश्किल मैच में विराट ने नाबाद 82 रन बनाए और अपने दम पर टीम इंडिया को जीत दिला दी। मैच के बाद उन्होंने इसे अपनी सबसे बेहतरीन टी20 पारी कहा। दुनिया भर में विराट की तारीफ हुई और क्रिकेट जगत में सभी को एहसास हुआ कि विराट कोहली अपनी पुरानी लय में लौट आए हैं। इसके बाद तीन पारियों में वह दो अर्धशतक लगा चुके हैं और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। अब कोहली का सपना भारत को आईसीसी ट्रॉफी में चैंपियन बनाने का होगा।

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