BULANDSHAHR-नगर के यमुनापुरम स्थित समता आयुर्वेदिक सेंटर पर रविवार को तीन दिवसीय निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का समापन हो गया।इस अवसर पर क्षारसूत्र एवं पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि मोबाइल क्रांति के समय में जहां तकनीक ने बहुत से कार्यों को आसान कर दिया है वहीं इसके कारण आंखों में दर्द, आंखों में जलन, आंखों में खुजली एवं आंखों की रोशनी का कम हो जाना आदि रोग हो जाते हैं।इन सभी रोगों को ठीक करने के लिए आयुर्वेद में अक्षितर्पण चिकित्सा अत्यंत उपयोगी साबित होती है।शरद ऋतु में होने वाला बुखार पित्त का प्रकोप होने के कारण बहुत तेज होता है इस अवस्था से घबराना नहीं चाहिए ।षड्ंग पानीय को पानी में उबालकर पीना चाहिए, चंदन को घिसकर माथे पर एवं पैर पर लगाना चाहिए, लौकी ,तोरी, टिंडा की सब्जीका प्रयोग करना चाहिए।फलों में सेब, पपीता, चीकू, अनार का प्रयोग करना चाहिए।
मिर्च मसालेदार एवं चिकनाई युक्त भोजन से बचना चाहिए। फास्ट फूड एवं जंक फूड से बचना चाहिए।तेज धूप में निकलने से बचना चाहिए।
रविवार 8 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र होने के कारण जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु के बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए स्वर्णप्राशन संस्कार कराया गया।शिविर में संतोष, सुमन एवं काजल का विशेष सहयोग रहा।
आगामी स्वर्णप्राशन शिविर 4 नवम्बर को आयोजित किया जायेगा।आंखों की रोशनी बढ़ाता है अक्षितर्पण : वैद्य हितेश कौशिक

नगर के यमुनापुरम स्थित समता आयुर्वेदिक सेंटर पर रविवार को तीन दिवसीय निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का समापन हो गया।इस अवसर पर क्षारसूत्र एवं पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि मोबाइल क्रांति के समय में जहां तकनीक ने बहुत से कार्यों को आसान कर दिया है वहीं इसके कारण आंखों में दर्द, आंखों में जलन, आंखों में खुजली एवं आंखों की रोशनी का कम हो जाना आदि रोग हो जाते हैं।इन सभी रोगों को ठीक करने के लिए आयुर्वेद में अक्षितर्पण चिकित्सा अत्यंत उपयोगी साबित होती है।शरद ऋतु में होने वाला बुखार पित्त का प्रकोप होने के कारण बहुत तेज होता है इस अवस्था से घबराना नहीं चाहिए ।षड्ंग पानीय को पानी में उबालकर पीना चाहिए, चंदन को घिसकर माथे पर एवं पैर पर लगाना चाहिए, लौकी ,तोरी, टिंडा की सब्जीका प्रयोग करना चाहिए।फलों में सेब, पपीता, चीकू, अनार का प्रयोग करना चाहिए।
मिर्च मसालेदार एवं चिकनाई युक्त भोजन से बचना चाहिए।फास्ट फूड एवं जंक फूड से बचना चाहिए।तेज धूप में निकलने से बचना चाहिए।
रविवार 8 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र होने के कारण जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु के बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए स्वर्णप्राशन संस्कार कराया गया।शिविर में संतोष, सुमन एवं काजल का विशेष सहयोग रहा।
आगामी स्वर्णप्राशन शिविर 4 नवम्बर को आयोजित किया जायेगा।आंखों की रोशनी बढ़ाता है अक्षितर्पण : वैद्य हितेश कौशिक

नगर के यमुनापुरम स्थित समता आयुर्वेदिक सेंटर पर रविवार को तीन दिवसीय निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का समापन हो गया।इस अवसर पर क्षारसूत्र एवं पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि मोबाइल क्रांति के समय में जहां तकनीक ने बहुत से कार्यों को आसान कर दिया है वहीं इसके कारण आंखों में दर्द, आंखों में जलन, आंखों में खुजली एवं आंखों की रोशनी का कम हो जाना आदि रोग हो जाते हैं।इन सभी रोगों को ठीक करने के लिए आयुर्वेद में अक्षितर्पण चिकित्सा अत्यंत उपयोगी साबित होती है।शरद ऋतु में होने वाला बुखार पित्त का प्रकोप होने के कारण बहुत तेज होता है इस अवस्था से घबराना नहीं चाहिए ।षड्ंग पानीय को पानी में उबालकर पीना चाहिए, चंदन को घिसकर माथे पर एवं पैर पर लगाना चाहिए, लौकी ,तोरी, टिंडा की सब्जीका प्रयोग करना चाहिए।फलों में सेब, पपीता, चीकू, अनार का प्रयोग करना चाहिए।
मिर्च मसालेदार एवं चिकनाई युक्त भोजन से बचना चाहिए।फास्ट फूड एवं जंक फूड से बचना चाहिए।तेज धूप में निकलने से बचना चाहिए।
रविवार 8 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र होने के कारण जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु के बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए स्वर्णप्राशन संस्कार कराया गया।शिविर में संतोष, सुमन एवं काजल का विशेष सहयोग रहा।
आगामी स्वर्णप्राशन शिविर 4 नवम्बर को आयोजित किया जायेगा।

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