मास्को। रूस- यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के सात महीने से ज्यादा का समय हो गया है। माना जा रहा है कि अब यह अंतिम मोड़ पर है। पुतिन अब जनमत संग्रह कराकर कब्जे वाले क्षेत्रों का रूस का हिस्सा घोषित कर सकते हैं। रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के क्षेत्र में जनमत संग्रह का काम भी मंगलवार को पूरा हो गया है। जनमत संग्रह में लोगों से पूछा गया कि क्या वे चाहते हैं कि चारों कब्जे वाले दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन क्षेत्रों को रूस में शामिल किया जाए। 23 सितंबर से यह जनमत संग्रह शुरू हुआ था। इस जनमत संग्रह से तय होगा कि क्या कब्जे वाले क्षेत्र रूस का हिस्सा बनना चाहते है या नहीं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन इलाकों में जनमत संग्रह करवाया गया है वह यूक्रेन का 15 फीसदी हिस्सा है। यूक्रेन के लुहांस्क, जापोरिज्जिया, खेरसन और दोनेत्स्क में कराया गया। जनमत संग्रह के दौरान मतदान केंद्रों पर रूसी सैनिक तैनात थे।

इस बीच, चर्चा है किव्लादिमीर पुतिन जल्द ही इन चारों कब्जे वाले क्षेत्रों को रूस में शामिल करने का एलान कर सकते हैं। व्लादिमीर पुतिन 30 सितंबर को जनमत संग्रह के परिणाम की घोषणा कर सकते हैं।

अधिकतर लोगों ने विलय का किया समर्थन

रूसी-स्थापित चुनाव अधिकारियों के अनुसार जापोरिज्जिया क्षेत्र में डाले गए मतपत्रों में से 93 प्रतिशत ने विलय का समर्थन किया है। खेरसॉन क्षेत्र में 87 प्रतिशत, लुहान्स्क क्षेत्र में 98 प्रतिशत और डोनेट्स्क में 99 प्रतिशत लोगों ने विलय का समर्थन किया है। वहीं, कीव और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने वोटों को दिखावा बताकर इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

40 लाख लोगों को मतदान में भाग लेने को कहा गया

गौरतलब है कि रूस द्वारा कराया गया यह जनमत संग्रह लुहांस्क, आंशिक रूप से रूस के कब्जे में आए जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क क्षेत्र में हुआ है। लगभग 40 लाख लोगों को मतदान में भाग लेने को कहा गया था। लोगों से वोट लेने के लिए चुनाव अधिकारी सशस्त्र बलों के साथ घर-घर पहुंचे थे।

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