गाजियाबाद: गाजियाबाद लोकसभा चुनाव में जानकारी छुपाकर नामांकन करने का मामला सामने आया है। आरोपी का नामांकन निरस्त करने के लिए अधिवक्ता पीके गौतम ने जिला निर्वाचन अधिकारी समेत, राष्ट्रपति और चुनाव आयोग दिल्ली को शिकायत दी है। शिकायत में बताया गया कि नमह नाम का व्यक्ति गाजियाबाद से लोकसभा प्रत्याशी है। नमह एक रजिस्टर्ड ट्रेड मार्क नाम है जो विभिन्न कैटामरियों में रजिस्टर्ड है। इसका उपयोग दूसरा व्यक्ति नहीं कर सकता है। नमह बहुत प्रभावी व्यक्ति है जोकि याचिकाकर्ता अनुच्छेद 1 में भारत को इंग्लिश नाम की इंडिया गुलामी व मुक्ति के लिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुका है। दूसरी याचिका में मुख्यमंत्री के नाम से योगी शब्द हटाने के लिये लगायी गयी जिस पर नमह पर एक लाख रू का जुर्माना हाइकोर्ट से लगाया गया। भाजपा से दावेदारी पेश करने के बाद नमह ने समाज विकास कान्ति पार्टी से टिकट लेकर पर्चा भरा जोकि स्वीकृत हुआ है। नमह एक बड़ा नाम है जो कि न्यूज व मीडिया पर भी प्रभाव रखता है। न्यूज चैनलों पर नमह के असली नाम को छिपाकर जगदीश यादव चलाया जा रहा है। वीवीआईपी नमह के कई जगह बोर्ड लगाकर प्रचार किया जा रहा है जिसकी कोई अनुमति नहीं दी गई है। नमह ने अपने निवार्चन फार्म में वी०वी०आई०पी० बिल्डर कम्पनी में अपनी साझेदारी की उद्धघोषणा नहीं की है प्रशासन ने मिलीभगत व सांठ-गांठ से नमह का
पर्चा पास किया है, जबकि अन्य प्रत्याशियों के पर्चे छोटी मोटी गलती बताकर निरस्त किये जा चुके है। नमह काफी प्रभावशाली व्यक्ति है और साथ ही वह वी०वी०आई०पी० बिल्डर प्रोजेक्ट्स में साझेदार है। इसलिये उपरोक्त नमह की कितनी प्रतिशत हिस्सेदारी वी०वी०आई०पी० ग्रुप बिल्डर की वी०वी०आई०पी० नमह योजना में है इसकी बात की जांच की जाकर नमह का पर्चा निरस्त किया जाना अति आवश्यक है। नमह ट्रेड मार्क की गूगल प्रति व अन्य दस्तावेज और नमह द्वारा वी०वी०आई०पी० बिल्डर के बोर्डो की गूगल लोकेशन की प्रतिलिपि भी दर्ज की गई शिकायत में संलग्न किए गए हैं। शिकायत देखकर नमह का पर्चा निरस्त करने की मांग की गई है

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