लखनऊ। एक डाक्टर और मेडिकल स्टोर संचालक की लापरवाही ने छह साल के मासूम की जान ले ली। पीजीआइ के पास स्थित सरस्वतीपुरम कालोनी निवासी गौरव जायसवाल के छह वर्षीय बेटे रेयांश उर्फ अयान जायसवाल की 29 अगस्त को बुखार आने के बाद तबीयत बिगड़ गई।

परेशान घर वाले बच्चे को लेकर हुसैनगंज स्थित नवजीवन चाइल्ड केयर क्लीनिक पहुंचे और क्लीनिक संचालक डा मुकेश केसरवानी को दिखाया। परिजनों के अनुसार डा मुकेश केसरवानी ने रेयांश में मलेरिया के लक्षण बताते हुए इंजेक्शन लिखा। इंजेक्शन भी ऐसी की आस पास के मेडिकल स्टोर पर नहीं मिली। यह बात गौरव जायसवाल ने क्लीनिक पर जाकर बताई। क्लीनिक के कर्मचारियों ने ‘श्री ओम’ मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन लेने को कहा।

गौरव श्री ओम मेडिकल स्टोर पहुंचे। मेडिकल स्टोर द्वारा लारियागो इंजेक्शन दिया गया। गौरव के अनुसार इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे का हार्ट फेल हो गया और सांस रुक गई। बच्चे की हालत नाजुक होते देख परिजन उसे लेकर मेदांता अस्पताल पहुंचे। करीब छह दिन भर्ती रहने के बाद सोमवार सुबह रेयांश ने दम तोड़ दिया।

बेटे की मौत के बाद घरवालों का रो रोकर बुरा हाल है। रेयांश के चाचा अनुज जायसवाल ने मामले की शिकायत जब पुलिस अधिकारियों से की गई तो वहां भी सुनवाई नहीं हुई। हुसैनगंज पुलिस ने एफआइआर न करते हुए टरका दिया। अब परिजनों ने ड्रग इंस्पेक्टर के पास कार्रवाई की गुहार लगाई है।

मामले पर डाक्टर मुकेश केसरवानी का कहना है कि उन्होंने इंजेक्शन नहीं, सीरप लिखा था। मेडिकल स्टोर वाले का कहना है की सीरप नहीं इंजेक्शन लिखा हुआ है। दोनों एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं लेकिन इनकी लापरवाही से एक 6 साल के मासूम ने अपनी जान गवां दी।

परिजनों को टरकाया नहीं गया था, उनकाे सही जानकारी दी गई। मामला डाक्टर और मेडिकल स्टोर संबंधित था, इस वजह से उच्चाधिकारियों के निर्देश पर परिवारीजनों को ड्रग विभाग को शिकायत करने को कहा गया है। वहां से रिपोर्ट आने पर एफआइआर दर्ज की जाएगी।   –श्याम सिंह, इंस्पेक्टर हुसैनगंज

मामले की शिकातय मिलते ही कड़ी कार्रवाई होगी।  –ब्रजेश कुमार, सहायक आयुक्त, औषधि

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