लेख-अशोक बालियान, चेयरमैन, पीजेंट वेलफ़ेयर एसो.

22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में सम्पन्न होने जा रही है। पिछले लगभग 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के पश्चात श्रीराम लला एतिहासिक भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं।
इस समय भारत में धर्म और मजहब की राजनीति करने वाले सनातन धर्म की एकजुटता से परेशान हैं।सनातन धर्म (हिंदू धर्म) एक धर्म है, जबकि हिंदुत्व या हिंदू राष्ट्रवाद, एक विचारधारा है, जिसको हिंदू धर्म के अनुरूप माना जाता है।हिंदू भारत भूमि के मूल निवासी हैं।
ब्रिटिश काल के अनेकों इतिहासकारों के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप पर लंबे समय तक हिंदू शासकों व विदेशी इस्लामिक आक्रमणकारियों के बीच संघर्ष चला था।और इन मुगल शासकों के शासन के दौरान राजपूत, जाट व मराठों द्वारा लगातार प्रतिरोध हुआ था।
इन विदेशी इस्लामिक शासकों ने हिंदुओं के मुख्य मंदिरों को तोड़ कर सनातन संस्कृति को नष्ट करने का कार्य किया था और जबरन लोगों का हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म में धर्मांतरण भी किया था।
सत्रवी शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक ने पूरे हिंदू राष्ट्र को संदेश दिया था कि इन विदेशी इस्लामिक शासकों के साथ मिलकर युद्ध करना ही विजय का मार्ग है।
ब्रिटिश इतिहासकार के जेम्स मिल के अनुसार भारतीय इतिहास का कालखंड आरंभिक हिंदू काल से है और उसके बाद विदेशी इस्लामी शासकों का प्रभुत्व था। अंततः अंग्रेज भारत आये,जिन्होंने इन इस्लामिक शासकों से सत्ता ली।
भारत काफ़ी वर्षों तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अधीन था। हर राष्ट्र की एक जातीय-धार्मिक पृष्ठभूमि और पहचान होती है, जो एक अंतहीन संघर्ष का आधार बनती है।
दुर्भाग्य की स्थिति यह है कि हमें पढ़ाये गये इतिहास में हिंदुओं पर हुए अत्याचार व नरसंहार का उल्लेख नहीं है।और कुछ इतिहासकारों ने तो नरसंहार करने वाले मुहम्मद गोरी, बाबर, औरंगजेब जैसे क्रूर शासकों का ही महिमामंडन किया गया है।औरंगजेब जैसे मुस्लिम शासकों ने हिंदू संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया, जबरन धर्म परिवर्तन कराया, मंदिरों को तोड़ा व अपवित्र किया और गैर-मुसलमानों पर कठोर कर लगाए थे।
इसलिए सनातन धर्म व भारतीय सभ्यता को बचाने के लिए एक ऐसी विचारधारा की जरूरत है, जो उसे जीतना सिखाए।इससे ही भारत मज़बूत होगा।भारतीय जनता पार्टी की लगातार चुनावी जीत ने भी सनातन धर्म को मज़बूती दी है।
बाबर द्वारा अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण करना और औरंगजेब द्वारा काशी विश्वनाथ और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि मंदिर को नष्ट करना शामिल है।अब इस ग़लतियों को सुधारा जा रहा है।क्योंकि ये विदेशी हमलावरों द्वारा मंदिर तोड़कर बनायी गई थी।इंडोनेशिया के मुस्लिमों की तरह भारतीय मुसलमानों को भी समझना चाहिए कि उनके पूर्वज हिंदू है।और ये मंदिर उनके पूर्वजों के भी है।
रामजन्मभूमि आंदोलन न केवल हिंदुओं को एकजुट किया है, बल्कि यह हमें सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक और वैश्विक विस्तार के पथ पर भी आगे बढ़ा रहा है, जिससे भारत दुनिया का नेतृत्व करने के लिए गति पकड़ रहा है।

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