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सचिन त्यागी

बागपत जनपद के अल्लीपुर तटबंध को रोकने के लिए सिंचाई विभाग ने प्रयास तेज कर दिये है। गाजियाबाद, बागपत, मेरठ के अधिकारी मौके पर पहुंचकर कार्य करा रहे है। ग्रामीणों द्वारा पानी व खाने का प्रबंध किया गया है। सही रहा तो दो दिन में तटबंध को रोकने में सिंचाई विभाग सफल हो जाएगा।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाई से अल्लीपुर तटबंध टूटने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया गया था। अधिकारी भी इसको सिंचाई विभाग की चूक मान रहे है। शासन से फटकार मिलने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी 14 जुलाई से पानी को रोकने का प्रयास कर रहे है। यमुना जल स्तर में तीन मीटर पानी की गिरावट आने के बाद सिंचाई विभाग को पानी रोकने में सफलता तो मिल गयी लेकिन तटबंध को सुक्षित करने का काम अभी जारी है। करीब 15 फीट की उंचाई का तटबंध बनाने में सिंचाई विभाग को पसीने छूट रहे है। गाजियाबाद व बागपत के अधिकारी दोनो और से तटबंध को बनाने में जुटे है। मेरठ के सिंचाई अभियंता संदीप कुमार भी मौके पर पहुंचकर प्रगति कार्य देख रहे है। संदीप कुमार का कहना है कि हम दो दिन में तटबंध को बनाकर रास्ता बना देंगे। जंगली जानवरों द्वारा तटबंध को नुकसान पहुंचाया गया था जिससे यह पानी का रिसाव हो गयाा। यह तटबंध 1978 में बनाया गया था। इसका निर्माण अच्छा है। 45 साल बाद बाढ देखने को मिली है। हम लोग इस तटबंध की मरम्मत कराएगंे। आगे से इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भी कदम उठाए जाएगें। ग्रामीणों द्वारा भी अधिकारियों से वार्ता की जा रही है। सांकरौद निवासी आदित्य धामा अधिकारियों को भोजन पानी की व्यवस्था में लगे है। उनका कहना है कि तटबंध की चैड़ाई कम है यह जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसकी चैड़ाई बढानी जरूरी है इसकी सफाई भी होती रहनी चाहिए। तीन नंबर ठोकर को और मजबूत बनाया जाए।

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