अशोक बालियान,चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन

जनपद मुज़फ्फरनगर में अभी हाल में ही एक किसान नेता की केन्द्रीय पशुपालन मंत्री डॉ संजीव बालियान व सैनी समाज के बारे में कही गयी बातों को लेकर विडियो वाइरल हुई है। इसके बाद सैनी समाज के एक नवयुवक की विडियो वाइरल हुई है, इस विडियो में सैनी समाज के इस युवक ने किसान नेता द्वारा विडियो में उसके समाज के बारे में कही गयी अमर्यादित भाषा पर आपत्ति जताई है, लेकिन खुद भी किसान नेता के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। जबकि आज के समय मानव के ज्ञान में वृद्धि हुई है। विवेकी होना सद्गुण है और दूसरों के साथ विवेकपूर्ण आचरण करना सद्गुण का मुख्य लक्ष्ण है। इसीलिए हमें अमर्यादित भाषा पर खेद प्रकट करना हमारी समझ को ही दर्शाता है।
वर्तमान दौर में आए दिन अनेकों प्रमुख नेताओं द्वारा अमर्यादित और स्तरहीन भाषा का प्रयोग किया जा रहा है, जिसे अच्छा नहीं कहा जा सकता है। वर्तमान समय में कुछ लोगों के अपने तर्क हैं, अर्थात उनका मानना है कि जो हमारे अनुकूल है वो उचित है और जो प्रतिकूल है वो अनुचित है, लेकिन सवाल तो यह है कि अमर्यादित भाषा क़ो कैसे उचित ठहराया जा सकता है? कभी कभी अनजाने में भी निकली बातें दूसरों की भावना को आहत कर देती है जबकि मंशा आहत करने की नहीं होती है।
वैसे किसान नेता सरल ह्रदय है, लेकिन यह घटना एक नवयुवक की उतेजना से शुरू हुई थी, जो नहीं होनी चाहिए थी। हमारी राय में समाज में अच्छा वातावरण बनाए रखने के लिए अमर्यादित भाषा को त्यागना ही मूलभूत आवश्यकता है। इसीलिए हमें समाज या किसी व्यक्ति विशेष के बारे में कोई गलत या अनावश्यक टिप्पणी करने से बचना चाहिए। और यदि कोई अमर्यादित भाषा का प्रयोग हो जाता है, तो खेद प्रकट करना ही इसका सबसे बड़ा हल है।

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