नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब जल्द ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की बैठक होगी जिसमें वार्षिक आम सभा (एजीएम) और चुनाव की तिथि निर्धारित की जाएगी। इतना तय है कि पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव सर्वसम्मति से होगा। अगर कुछ अप्रत्याशित नहीं होता है तो यह लगभग तय है कि वर्तमान बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसे में बीसीसीआइ के दो शीर्ष पदों (अध्यक्ष और सचिव) पर जय शाह और राजीव शुक्ला नामांकन कर सकते हैं।

जय वर्तमान में बीसीसीआइ सचिव हैं जबकि शुक्ला उपाध्यक्ष। अरुण सिंह धूमल कोषाध्यक्ष पद पर दोबारा नामांकन कर सकते हैं। वर्तमान में जयेश जार्ज संयुक्त सचिव और बृजेश पटेल आइपीएल चेयरमैन हैं। इन दो पदों पर भी बदलाव हो सकते हैं। संविधान संशोधन के बाद राज्यसभा सांसद होने के बावजूद शुक्ला अगला चुनाव लड़ सकते हैं। अब सिर्फ मंत्री और सरकारी अधिकारी बीसीसीआइ और राज्य संघ का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। पहले यह सांसद और विधायकों पर भी लागू होता था। अगर सबकुछ ठीक रहा तो गांगुली इस साल नवंबर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) के चैयरमैन पद का चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इस पद की दौड़ में बीसीसीआइ और आइसीसी के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन का नाम भी चल रहा है। मौजूदा आइसीसी चैयरमैन ग्रेग बार्कले का कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो रहा है।

बर्मिंघम में वार्षिक कांफ्रेंस में बार्कले ने एक और कार्यकाल की इच्छा व्यक्त की थी। इस दौरान नए चैयरमैन को चुनने की प्रक्रिया पर भी फैसला हुआ था, जिसमें दो तिहाई वोट की अनिवार्यता का समाप्त कर दिया गया था। नए प्रविधान के अनुसार, जो भी उम्मीदवार 51 प्रतिशत मत हासिल कर लेगा उसे विजेता माना जाएगा। इस तरह 16 सदस्यीय बोर्ड के नौ सदस्यों का वोट मिलने पर उम्मीदवार विजेता बन जाएगा। बीसीसीआइ ने इसको देखते हुए हाल में भारतीय टीम के कई दौरे करवाए हैं, जिससे उन देशों के वोट आइसीसी में भारत को मिलें।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीसीसीआइ की संविधान संशोधन याचिका को मंजूरी दी थी जिसके बाद अब ये साफ हो गया कि कोई पदाधिकारी राज्य संघ में छह साल रहने के बावजूद बीसीसीआइ में भी लगातार छह साल पद पर रह सकता है। ज्यादातर राज्य संघ जय को बीसीसीआइ अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं। बीसीसीआइ के एक पदाधिकारी ने कहा कि अभी कुछ तय नहीं है। जल्द ही बीसीसीआइ की बैठक बुलाई जाएगी जिसमें एजीएम और चुनाव की तारीख पर निर्णय लिया जाएगा। जब तक नामांकन नहीं हो जाते तब तक आप कुछ नहीं कह सकते। कुछ तो परिवर्तन होंगे ही। इतना तय है जो भी होगा सर्वसम्मति से होगा।

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