नई दिल्ली। मुंबई सेंट्रल से लेकर और गुजरात के गांधीनगर तक जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस गुरुवार सुबह मवेशियों से टकराने के बाद क्षतिग्रस्त हो गई थी। हालांकि, इस ट्रेन को एक दिन के भीतर ही कोचिंग केयर सेंटर में ठीक कर दिया गया है। इस टक्कर में ट्रेन के आगे का कुछ हिस्सा ही क्षतिग्रस्त हुआ था। इस संबंध में पश्चिम रेलवे सीपीआरओ ने बताया कि मुंबई सेंट्रल डिपो में क्षतिग्रस्त हिस्से को बदल दिया गया है। बिना किसी अतिरिक्त डाउनटाइम के ट्रेन को वापस पटरी पर ला दिया गया है। हम भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं।

कब और कैसे हुई दुर्घटना

वंदे भारत एक्सप्रेस की तस्वीर गुरुवार को सुबह करीब 11.15 बजे दुर्घटना के तुरंत बाद वायरल हो गई थी। लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। आपको बता दें कि 3-4 भैंसों के रेलवे लाइन पर आने के कारण इंजन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। दुर्घटना आठ मिनट के भीतर शवों को हटाकर ट्रेन गांधीनगर के लिए रवाना हुई और अपने तय समय पर पहुंच गई।

पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार जयंत ने कहा कि मुंबई सेंट्रल और गांधीनगर कैपिटल स्टेशनों के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह मुंबई से रवाना हुई थी। सुबह करीब 11.15 बजे ट्रैक पर आई कुछ भैंसों से टकराने के बाद ट्रेन के इंजन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। यह घटना अहमदाबाद के वटवा और मणिनगर क्षेत्रों के बीच हुई।

आगे बरती जाएंगी ये सावधानियां

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने कहा कि ट्रेन का चालक पूरी तरह से सतर्क था। उसने तुरंत ट्रेन की सीटी बजाई और ब्रेक भी लगाया, लेकिन समय कम था। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने मवेशियों को ट्रैक के पास न छोड़ें। उन्होंने आगे बताया कि पश्चिम रेलवे गांधीनगर-अहमदाबाद खंड पर ट्रेन की गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बाड़ लगाने का काम करेगा।

भारत की तीसरी वंदे भारत ट्रेन

यह देश में तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। इससे पहले नई दिल्ली और वाराणसी तथा नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। यह ट्रेन गांधीनगर से अहमदाबाद होते हुए मुंबई तक जाती है फिर वापस इसी रूट से होकर गांधीनगर वापस आती है।

"
""
""
""
""
"

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *