बुखार से पीड़ित मरीजों का बुरा हाल,बरसात का गंदा पानी एकत्रित होने के कारण फैली बीमारी

देवबंद। संवाददाता

नागल विकासखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में डेंगू और मलेरिया का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। क्षेत्र के प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ होने से स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो गई है।

इस वर्ष तहसील क्षेत्र में हुई भारी बरसात के चलते डेंगू मलेरिया और वायरल फीवर ने क्षेत्र में जमकर कहर बरपा दिया है। गांव गांव में एकत्रित बरसात का गंदा पानी लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। सितंबर माह में बढ़ती भीषण गर्मी का प्रभाव भी क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।
नागल विकासखंड के खटौली, गंगदासपुर जट, बचीटी समेत दर्जनों गांव में बुखार से पीड़ित मरीज का प्राइवेट चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। कुछ गांव में तो विकराल रूप ले चुके बुखार के चलते मरीजों को जॉली ग्रांट और सहारनपुर समय बड़े अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। खटौली निवासी छोटू, पूर्व प्रधान विपिन राठौर, शकुंतला देवी, इंदिरा त्यागी आदि की तो बुखार के चलते हालत खराब है। ग्रामीणों की माने तो कुछ लोग चिकनगुनिया बुखार से भी पीड़ित है। गांव के ज्यादातर लोगों को नागल स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गांव में बरसात का एकत्रित गंदा पानी लोगों के लिए नासूर बन रहा है। जिसके चलते डेंगू और मलेरिया का लारवा पानी में एकत्रित होने के कारण महामारी फैलना का खतरा बना हुआ है। घातक बीमारी फैलने के बावजूद भी अधिकतर ग्राम पंचायत में दवाइयों का छिड़काव अब तक भी शुरू नहीं किया गया है। क्रेडिट मरीज ने सरकार से गांव में तत्काल प्रभाव से फॉगिंग कराने की मांग की है।

वर्जन….

ग्रामीण क्षेत्र से आ रहे बुखार पीड़ित मरीजों का उपचार या जा रहा है। गांव में कैंप भी लगाए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत की मदद से फागिंग भी शुरू कराई जाएगी।

डॉ नितिन कुमार, प्रभारी सी एच सी नागल।

प्रशांत त्यागी

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