‘लव जेहाद’

यह जुमला भारतीय शब्दावली में 2009 में आया जब केरल व कर्नाटक में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की खबरें आईं। हिंदू राष्ट्रवादियों ने दावा किया कि मुस्लिम पुरुष फुसलाकर हिंदू लड़कियों से विवाह कर उनका धर्म बदल रहे हैं। इसके पीछे भारत को मुस्लिम बहुसंख्या वाला देश बनाने का दीर्घावधि लक्ष्य है। तब दो मुस्लिम युवकों को इस आरोप में जेल में डाल दिया गया था कि उन्होंने यूनिवर्सिटी की दो गैर-मुस्लिम छात्राओं को िववाह का वादा कर धर्मांतरण के इरादे से फांस लिया। अदालत में दोनों युवतियों ने मुस्लिम युवाओं के खिलाफ गवाही दी। एक युवती ने बताया कि वह कॉलेज में वरिष्ठ छात्र के प्रेम में पड़कर उसके साथ भाग गई थी। उन्हें विवाह अपेक्षित था, लेकिन इसकी बजाय मुस्लिम केंद्र ले जाया गया, जहां उनका इस्लामी अतिवादी प्रचार से सामना हुआ। केरल हाईकोर्ट ने पुलिस से इन शिकायतों की जांच करने को कहा। पुलिस जांच का निष्कर्ष यह था कि कुछ असामाजिक पुरुषों द्वारा ऐसी घटनाएं अंजाम देने की इक्का-दुक्का घटनाएं हुई हैं, लेकिन धर्मांतरण के उद्‌देश्य से व्यापक साजिश के कोई सबूत नहीं मिले।

लव-जिहाद का मुद्दा भी सबसे पहले दिग्गज वामपंथी नेता वीएस अच्युतानंदन ने 2010 में पहले उठाया था।फिर केरल के ही कांग्रेसी मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने 25 जून, 2012 को विधानसभा में बताया कि गत छह वर्षों में वहां 2,667 लड़कियों को इस्लाम में धर्मांतरित कराया गया।उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित कानून, जिसमें “गैरकानूनी धर्म परिवर्तन” के खिलाफ प्रावधान भी शामिल हैं, एक विवाह को शून्य और शून्य घोषित करता है यदि एकमात्र इरादा “एक लड़की के धर्म को बदलने” का था और यह और मसौदा विधेयक मध्य प्रदेश में सजा का प्रस्ताव रखता है कानून तोड़ने वालों को 10 साल की जेल..

लव जेहाद की फैंटेसी के पीछे पितृसत्तात्मक व्यवस्था का पुरातनपंथी विचार है, जिसमें महिलाओं को पुरुषों की संपत्ति समझा जाता है और संपत्ति की रक्षा करना पुरुषों का दायित्व। ज्यादातर परंपरागत धर्मों में यह विचार पाया जाता है, लेकिन 21वीं सदी में महिलाओं के बारे में ऐसा सोचना उनका अपमान है। लव जेहाद के पीछे महिलाओं के बारे में यह नकारात्मक विचार है कि वह जिम्मेदार नहीं है, उसकी अपनी कोई सोच नहीं होती और इसीलिए उसे पुरुषों के संरक्षण की जरूरत है। यदि हमें आधी आबादी की कोई परवाह है तो हमें इस पुरुषवादी मानसिकता पर प्रहार करना चाहिए, जो महिला को अधीनता में रखना चाहती है। धर्मशास्त्रों के जरिये इस मानसिकता को हजारों वर्षों में खाद-पानी मिला है। मनु कहते हैं कि स्वभाव से ही महिलाएं चंचल, बुरी और इच्छाओं के वशीभूत होती हैं। ‘स्त्रीधर्मपद्धति’ के लेखक त्र्यंबक जोर देकर कहते हैं कि महिलाएं वफादार नहीं होतीं, उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता और उन्हें लेकर सचेत रहना पड़ता है। किंतु शास्त्रों को इस बात का भी अहसास है कि महिला में मातृत्व के गुण हैं और परिवार बनाने व पुत्र होने के लिए वे आवश्यक हैं। इस प्रकार महिला के बेलगाम स्वभाव (स्त्रीभावना) और परिवार व समाज की आवश्यकताओं के बीच द्वंद्व है, इसलिए धर्मशास्त्रों ने ‘स्त्री-धर्म’ यानी परिवार व समाज के प्रति उसके कर्तव्य सिखाने और उनमें जिम्मेदारी की भावना विकसित करने का फैसला किया। यह सीख देने की कोशिश की कि अविवाहित महिला का कर्तव्य है पवित्र बने रहना और विवाहित महिला को पति के प्रति वफादार रहना चाहिए।
इस मानसिकता का नतीजा यह होता है कि जिस दिन बेटी युवावस्था में पहुंचती है, परंपरागत भारतीय परिवार नैतिक संत्रास में पहुंच जाता है। उस दिन के बाद माता-पिता धीमी आवाज में योग्य लड़का खोजने के बारे में बातें करते हैं ताकि उसकी शादी कर दी जाए। अपनी जाति का लड़का हो तो बेहतर। यदि वे ब्राह्मण हैं तो वे उसे वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में पूजा के लिए ले जाते हैं ताकि उसे योग्य वर मिल सके। लड़कियां पालकों को खुश रखने के लिए सोमवार का व्रत रखने लगती हैं, लेकिन आयु बढ़ने के साथ वह कॉलेज जाती है और वहां उसे आकर्षक युवा दिखाई देते हैं। रोमांस फलता-फूलता है और प्राय: प्रेम विवाह हो जाते है.
पिछले कुछ सालों में लव जेहाद के मामलों ने ज़ोरों पर तुल पकड़ी हैं…इन सबका एक कारण कहीं ना कहीं सोशल मीडिया को भी माना जा सकता हैं…युवक और युवतियाँ सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे के साथ जुड़ते है और भी उनके बीच सम्बंध बन जाते हैं.
अभी हाल ही में श्रद्धा और आफ़ताब का मामला भी कुछ इसी प्रकार का हैं,जिसमें इन दोनो की किसी डेटिंग सोशल मीडिया ऐप के ज़रिए जान पहचान हुई और फिर इनका मिलना जुलना शुरू होने से लेकर और घर,शहर और फिर पीड़िता का दुनिया छोड़ने तक का सफ़र का बेहद दर्दनाक और ख़ौफ़नाक अंत हम सब लोग देख चुके हैं….
आफताब और श्रद्धा के बीच अकसर झगड़े होते रहते थे.
18 मई को भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. इसके बाद आफताब ने गला दबाकर श्रद्धा की हत्या कर दी. उसके शव के 35 टुकड़े कर कई दिनों तक फ्रिज में रखा. वह रोज रात में शव के 1 टुकड़े को महरौली के जंगल में फेंकने के लिए जाता था……..
लव जिहाद के खिलाफ कानून-
अभी तक, चार भाजपा शासित राज्य: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक, विवाह के माध्यम से “जबरन धर्मांतरण” को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को आमतौर पर “लव जिहाद” कानूनों के रूप में संदर्भित करते थे।
उत्तर प्रदेश में ‘धर्म-प्रवर्तन के लियें इच्छा सम्बंधी घोषणा-पत्र’ज़िला मैजिस्ट्रेट के पास 60 दिन पहले देना होगा.
यदि इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो लव जिहाद क़ानून के तहत ग़ैर ज़मानती धराओं में मामला दर्ज कराने और 10 साल की सज़ा का कड़ा प्रावधान हैं।

✍️ रूबी चौधरी

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