इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे बलूचिस्तान में फिर बम विस्फोट हुआ है। इस विस्फोट में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 10 से अधिक घायल हैं। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट बरखान के रखनी बाजार में मोटरसाइकिल पर लगाए गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में हुआ। बरखान पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) सज्जाद अफजल ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि घायल व्यक्तियों को नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया है। अधिकारी ने कहा कि पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और जांच के लिए इलाके को घेर लिया है।
सड़कों पर दिखीं जली हुई मोटरसाइकिलें और सब्जियां
बरखान के उपायुक्त अब्दुल्ला खोसो ने बताया कि विस्फोट तब हुआ जब एक मोटरसाइकिल पर लगाए गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में विस्फोट हो गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एम्बुलेंस कर्मियों को खून से लथपथ पीड़ितों को ले जाते हुए दिखाया गया है। इसमें विस्फोट स्थल के पास लोगों की भारी भीड़ और सड़क पर क्षत-विक्षत मोटरसाइकिलें, जली सब्जियां बिखरी हुई दिखाई दीं।
मुख्यमंत्री बोले- किसी को नहीं बख्शेंगे
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने विस्फोट की निंदा की है और अधिकारियों को दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों का खून बहाने वाले मानवता के दुश्मन हैं। आतंकवादी अपने बुरे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनिश्चितता पैदा कर रहे हैं। लेकिन हम राज्य विरोधी तत्वों को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने वादा किया कि सरकार एक प्रभावी आतंकवाद विरोधी रणनीति अपनाएगी। बिजेन्जो ने अधिकारियों को घायल लोगों को सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का निर्देश दिया और मृतकों के लिए प्रार्थना की।
पाकिस्तान को जख्म देने वाले ये कौन
बलूचिस्तान में हुए इस हमले का शक बलूच लिबरेशन आर्मी और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर जताया जा रहा है। दोनों ही समूह पाकिस्तान सरकार के साथ सशस्त्र संघर्ष में उलझे हुए हैं। अभी तक इस हमले की किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। सबसे ज्यादा शक टीटीपी पर किया जा रहा है। टीटीपी ने पहले भी इसी तर्ज पर कई हमले किए हैं। हालांकि,उनके निशाने पर पाकिस्तानी सेना, अर्धसैनिक बल या पुलिस की टीम रहती है। बलूचिस्तान की सीमा ईरान और अफगानिस्तान से सटी हुई है। इसलिए विद्रोही संगठन पाकिस्तान में हमला कर आसानी से सीमा पार कर दूसरे देशों में भाग जाते हैं।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को जाने
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी 1970 के दशक से बलूचिस्तान में सक्रिय है। इस संगठन ने विद्रोह की शुरुआत जुल्फिकार अली भुट्टो के कार्यकाल से की थी। वर्तमान में इस संगठन का प्रभाव पूरे प्रांत में फैला हुआ है। इस संगठन में पाकिस्तान के दो कबायली गुटों मिरी और बुगती के लड़ाके शामिल हैं। बलूच संगठनों को शांति की मेज पर लाने का काम सैन्य तानाशाह जनरल जियाउल हक ने किया था। तब उनकी पाकिस्तान सरकार के साथ शांति समझौता भी हुआ था। लेकिन, जब परवेज मुशर्रफ ने सत्ता संभाली, तब उन्होंने साल 2000 के आसपास बलूचिस्तान हाईकोर्ट के जस्टिस नवाब मिरी की हत्या करवा दी। पाकिस्तानी सेना ने सत्ता के इशारे पर इस केस में बलूच नेता खैर बक्श मिरी को गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में बलूच लिबरेशन आर्मी फिर से एक्टिव हो गई। यह संगठन चीन और पाकिस्तान के सीपीईसी का भी विरोध करता है।
टीटीपी के नाम से ही डरा हुआ पाकिस्तान
पाकिस्तान में इन दिनों तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नाम की दहशत है। इस संगठन ने नवंबर में सीजफायर टूटने के बाद से ही पाकिस्तानी सेना को कई गहरे जख्म दिए हैं। टीटीपी ने ही पेशावर मस्जिद हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके अलावा हाल में ही कराची के पुलिस मुख्यालय पर टीटीपी ने ही हमला करवाया था। इसके अलावा भी इस संगठन ने पूरे पाकिस्तान में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है। यह समूह अफगानिस्तान सीमा से सटे इलाकों के अलावा पूरे खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सक्रिय है।
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