उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 को लेकर भारी उत्साह दिखाई दे रहा है। राजस्थान, गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, यूपी सहित देश के कई राज्यों से तीर्थ यात्री उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। 22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया था। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे।
चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की दवाओं से लेकर यात्रा के दौरान क्या करें, और क्या न करें इस पर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। चार धाम यात्रा को लेकर भारी उत्साह को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों से हेल्थ एडवाइजरी का पालन करने का अनुरोध किया है।
इसके लिए देश की नौ अलग-अलग भाषाओं में हेल्थ एडवायजरी जारी कर दी गई है। यात्रा में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर हेल्पलाइन नम्बर 104 पर फोन करने की अपील की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा पर आने वाले बीमार और 55 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए हेल्थ स्क्रीनिंग फार्म भरना अनिवार्य किया है।
तीर्थ यात्री, पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण के दौरान ही यह फार्म भर सकते हैं। यदि कोई यात्री ऑनलाइन इस फार्म को नहीं भर पाता तो वह यात्रा मार्ग पर बने 50 केंद्रों पर यह फार्म मैनुअल जमा करा सकते हैं। ताकि स्वास्थ्य विभाग के पास पहले से ही बीमारी से ग्रसित यात्रियों की जानकारी रहे। यह जानकारी एडवायजरी के रूप में नौ प्रमुख भाषाओं में देशभर में जारी कराई गई है।
स्क्रीनिंग फार्म पर बीमारियों की जानकारी अनिवार्य: स्क्रीनिंग फार्म पर यात्रियों को नाम, उम्र, मोबाइल नम्बर, हाइट, वजन के अलावा ब्लड प्रेशर, अस्थमा, शुगर, हृदय रोग, सांस में तकलीफ के साथ ही प्रेगनेंसी की भी जानकारी भरकर देनी होगी। सफर के दौरान तीर्थ यात्रियों से अपील की गई है कि वह स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें।
चारधाम यात्रा को लेकर हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही तमिल, उड़िया, कन्नड़, मराठी, बंगाली, पंजाबी और गुजराती में एडवायजरी जारी की गई है। हमारा प्रयास है कि देशभर से चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को कोई दिक्कत न हो और सभी लोग हेल्थ एडवाजयरी का पालन करें। विभाग द्वारा बीमार लोगों को भी सुरक्षित यात्रा कराने के मकसद से यह कदम उठाया गया है।
डॉ.आर राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य