वाराणसी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में पांच महिलाओं की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सोमवार को फैसला आ सकता है। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं, इस पर मंदिर व मस्जिद पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद अब दोनों ही पक्षों को अदालत के फैसले का इंतजार है।

मंदिर पक्ष ने यह साबित करने की कोशिश की है कि मुकदमा सुनने योग्य है। वहीं, मस्जिद पक्ष ने भी इसे स्थानीय अदालत में सुनने योग्य नहीं बताने का प्रयास किया है। पूरे प्रकरण की क्रोनोलाजी, मुकदमे के दौरान दोनों पक्ष की प्रमुख दलीलें, मंदिर पक्ष के प्रार्थना पत्र की प्रमुख बातें सुनने के बाद अदालत की ओर से 12 सितंबर की तिथि मुकर्रर की गई थी। उम्‍मीद है कि दोपहर तक इस मामले में अदालत अपना फैसला सुना सकती है। अदालत के फैसले के बाद दोनों पक्ष आगे की विधिक कार्रवाई की रूपरेखा तय करेंगे। इस लिहाज से सोमवार को आने वाला फैसला मस्जिद मामले का रुख तय करेगा।

लगभग 24 वर्ष पहले भी प्राचीन मूर्ति स्वयंभू विश्वेश्वर की ओर से कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। तब वाराणसी की सिविल जज की अदालत ने मुकदमे को सुनने योग्य नहीं माना था। वादी पक्ष ने निगरानी याचिका दाखिल की। प्रथम जिला जज ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए मुकदमा सुनने योग्य माना था। इसके खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने हाई कोर्ट में रिवीजन दाखिल किया है। सोमवार को इस मामले में भी अदालत में सुनवाई होनी है।

सुरक्षा कड़ी की गई : दालमंडी, विश्‍वनाथ परिक्षेत्र, ज्ञानवापी परिक्षेत्र सहित मुस्लिम बहुल इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती एक दिन पूर्व ही कर दी गई है। कमिश्नरेट क्षेत्र को छह सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की गई है। पूरे कचहरी परिसर की जांच रविवार को की गई थी तो सोमवार की सुबह भी यहां सुरक्षा कड़ी करने के साथ ही जांच का क्रम जारी है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कमिश्नरेट परिक्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। कमिश्नरेट क्षेत्र को अलग-अलग सेक्टरों में बांटकर संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस के साथ पीएसी व आरएफ के जवानों को तैनात किया गया है। पीआरवी सहित क्यूआरटी टीम गठित की गई है जिसका नेतृत्व इंस्पेरक्टर रैंक के अधिकारी करेंगे। होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस में विशेष जांच अभियान लगातार जारी है। बम निरोधक दस्ते को भी तैयार रहने का निर्देश है।

सोशल मीडिया पर निगाह : पुलिस की टीम ही नहीं प्रशासिनक स्‍तर पर भी सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। अदालत का फैसला आने के दौरान अफवाह फैलाने वाले व किसी की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शिकायत मिलने पर तत्‍काल जांच और विधिक कार्रवाई की तैयारी जिला पुलिस प्रशासन ने कर ली है।

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