मेजर अरविंद कुमार मेजर

मुज़फ्फरनगर,भोपा।योग अपनाकर स्वस्थ शरीर व दीर्घायु जीवन प्रत्याशा को अंगीकृत करती डॉ अनुज कुमार की दैनिक योग साधना ने उनके शरीर को इतना बलिष्ठ व स्फूर्ति युक्त बना दिया कि वज्र रूपी शरीर को देखकर लोगों में उनकी योग साधना को अपनाने की इच्छाएं बलवती हो रही है। डॉ अनुज कुमार प्राथमिक विद्यालय बरूकी न्याय पंचायत गादला विकास खण्ड मोरना, जनपद मुजफ्फरनगर में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। स्नातकोत्तर बनस्पति विज्ञान से करने के पश्चात पीएचडी की डिग्री हासिल की और विगत दशक से बच्चों को प्राथमिक स्तरीय शिक्षा देकर उनका भविष्य संवार रहे हैं। पेड़ पौधों के औषधीय गुणों व जीव जंतुओं पर होने वाले उनके प्रभाव से भलीभांति परिचित हैं। उनका कहना है कि पारिवारिक परिवेश बाल्यावस्था से ही योग के सन्निकट रहा है और विरासत में मिले इन्हीं संस्कारों व गुणों के कारण योग उनकी जीवन शैली का एक अभिन्न अंग बन गया। योग की परिभाषा को उद्धृत करते हुए कहते हैं कि योग ,योग विज्ञान की एक शाखा है एक भौतिक एवं आध्यात्मिक प्रक्रिया जहां शरीर, मन और आत्मा संयुक्त होते हैं।योग एक संस्कृत शब्द है जो युज से आया है, जिसका अर्थ है इकट्ठा होना, बांधना।
योग न केवल हमारे शरीर की मांसपेशियों को अच्छा व्यायाम देता है, बल्कि यह हमारे दिमाग को शांत रखने में भी मदद करता है। चिकित्सा अनुसंधान से पता चला है कि योग शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।योग तनाव से राहत देता है और बेहतर नींद लाता है,भूख और पाचन को बढ़ाता है। यह दिमाग को हमेशा शांत रखता है।यदि आप योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आप तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं।जब हम योग करते हैं तो मांसपेशियों में खिंचाव, मरोड़ लचीलापन जैसी कई क्रियाएं होती हैं। इससे हमारे शरीर की थकान दूर होती है और हम हमेशा तरोताजा महसूस करते हैं। यदि नियमित रूप से योग करे तो शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।योग रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और श्वसन संबंधी विकारों को भी दूर करता है। लगभग 50 प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त है। हालांकि योग को अपनी जीवनशैली में शामिल करके हम मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं। योग करने से शरीर लचीला बनता है। डॉ अनुज कुमार के द्वारा योग के क्षेत्र में दर्जनों उपलब्धि हासिल की गई हैं।राज्य स्तरीय योग प्रशिक्षण में 2017-18 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पटनी सहारनपुर में जिला मुजफ्फरनगर से योग प्रशिक्षक के रूप में प्रतिभाग,राज्य स्तरीय कार्यक्रम सीमेंट द्वारा पीएलसी के तहत जिला मुजफ्फरनगर से योगा प्रतिनिधि के रूप में भाग लेना,कोरोना काल में स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन योगा प्रशिक्षण,वर्ष 2017-18 में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित योगा प्रशिक्षण में योग प्रशिक्षक के रूप में भाग लेना,जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मुजफ्फरनगर द्वारा मदरसा मकतब संस्थान के लिए योग प्रशिक्षण में योग प्रशिक्षक के रूप में प्रतिभागिता,वर्ष 2022 23 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित जनपद स्तरीय योगा प्रतियोगिता में जनपद में तृतीय स्थान प्राप्त करना। इसके साथ ही पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से जुड़कर समाज में योग के अलख जगा रहे हैं। एक शिक्षक की योग साधना ने उनके जीवन को ही योग के प्रकाश से प्रदीप्त कर दिया। उम्र के लगभग 40-50 वर्ष के दौर से गुजरने के बावजूद भी बढ़ती उम्र के साथ उनका शरीर युवा बना हुआ है। उनका मानना है कि उम्र तो बस एक आंकड़ा भर है। उनका कहना है कि स्वस्थ दिनचर्या, संतुलित आहार, शुद्ध पेय पदार्थों का सेवन, प्रकृति के साथ लगाव,शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह, खान-पान की आदतों में सुधार, पैदल चलने की आदत एवं दैनिक योग आदि के द्वारा हम शरीर को हष्ट-पुष्ट रख सकते हैं।

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