लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के साथ आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है। सीएम योगी ने सभी नगर निकायों में नागरिक सुरक्षा की इकाईयां गठित किए जाने का निर्णय किया है। साथ ही जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की समस्या से लेकर आग की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर ठोस कदम उठाए जाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग तथा कारागार विभाग की समीक्षा की और कई कड़े निर्देश दिए। कहा कि समाज में शांति, सौहार्द व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान में प्रदेश के 27 जिलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयां गठित हैं। इनकी उपयोगिता को देखते हुए सभी नागरिक सुरक्षा की इकाइयों का विस्तार सभी जिलों में किया जाना आवश्यक है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को आधार मानकर नागरिक सुरक्षा इकाइयों का पुनर्गठन किया जाए। जिसके बाद प्रदेश में नागरिक सुरक्षा की साढ़े सात सौ से अधिकइकाइयां क्रियाशील हो सकेंगी। योगी ने इसके लिए गृह विभाग के साथ समन्वय बनाकर जल्द आवश्यक कार्यवाही पूरी किए जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि नवीन इकाइयों के सुचारु क्रियान्वयन के लिए आवश्यक वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते दिनों कैबिनेट में नए जेल मैन्युअल को मंजूरी दी गई थी। कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। योगी ने कहा कि “खुली जेल” व “हाई सिक्योरिटी जेल” के लिए स्थान का चिन्हांकन कर विधिवत प्रस्ताव तैयार किया जाए। साथ ही कारागारों में 14 वर्ष की अवधि से अधिक समय से निरुद्ध कैदियों की सूची तैयार भी उपलब्ध कराई जाए। सूची में बीमार, नाबालिग, महिला तथा दिव्यांग कैदियों का अलग-अलग विवरण भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

सीएम योगी ने कहा कि आग लगने की घटनाओं में अग्निशमन कर्मियों का सेवा भाव प्रेरक है। भविष्य की जरूरत को देखते हुए अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबंधन तथा आपात सेवा के रूप में स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार के माडल बिल आन मेंटेनेंस आफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विस, 2019 की तर्ज पर राज्य के माडल फायर एंड इमरजेंसी बिल काे जल्द तैयार किये जाने का निर्देश भी दिया।

कहा कि बहुमंजिली इमारतों में प्रत्येक दशा में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त होने चाहिए। ईज आफ डूइंग बिजनेस की नीति के अनुरूप भवन स्वामी द्वारा हर छह माह के अंतराल पर स्व-प्रमाणपत्र की व्यवस्था, भवनों के प्रकार के अनुसार फायर सेफ्टी आफिसर का प्रावधान तथा वार्षिक थर्ड पार्टी आडिट की व्यवस्था को लागू किए जाने का निर्देश भी दिया।

कहा कि अग्निशमन कर्मियों की सुरक्षा व उच्चस्तरीय अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता के लिए एक विशेष निधि-कोष की स्थापना का भी प्रयास किया जाए। योगी ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था व यातायात प्रबंधन बेहतर हुआ है। अंतरविभागीय समन्वय से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिक से अधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने के प्रयास भी हों।

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