ऋषिकेश : हत्यारोपित पुलकित आर्या के रिसॉर्ट में रात के अंधेरे में हुए बुलडोजर एक्शन पर डीएम विजय जोगदंडे के बयान से कहानी में नया मोड़ आ गया है। अब सवाल यह उठ रहा कि जब ध्वस्तीकरण के कोई लिखित आदेश नहीं थे और प्रशासन ने इस संपत्ति को सील कर दिया तो बुलडोजर चलाने वालों की मंशा क्या रही होगी।

इस मामले में आंदोलनकारी संगठन ही नहीं, स्वयं अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी भी बेटी के कमरे में साक्ष्य नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, इसके बाद उपजे हालात को संभालने के लिए पुलिस-प्रशासन यह बयान जारी कर रहा है कि सभी साक्ष्य पहले ही सुरक्षित कर लिए गए थे।

मुख्यमंत्री के आदेश पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई?

  • उत्तराखंड पुलिस के आधिकारिक ट्वीट में स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई।
  • पौड़ी के डीएम का बयान है कि उन्होंने रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का कोई आदेश नहीं दिया था।
  • डीएम की बात की पुष्टि इससे भी हो जाती है कि बीते रविवार को तहसील प्रशासन की ओर से इस रिसॉर्ट को सील किया गया था।
  • डीएम ने इस मामले की जांच यमकेश्वर के एसडीएम प्रमोद कुमार को सौंपी है।
  • उनके जांच संबंधी बयान के बाद सबूत नष्ट करने का मुद्दा बहस का नया केंद्र बनता जा रहा है।
  • यमकेश्वर से भाजपा विधायक रेणु बिष्ट, रिसॉर्ट तोड़े जाने वाली रात मौके पर मौजूद थीं।
  • उस रात मौके से ही उन्होंने इंटरनेट मीडिया के जरिये बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को उक्त रिसॉर्ट को ध्वस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसी के तहत यह कार्रवाई हो रही है।
  • कमरे के भीतर मलबे के साथ बिखरा अंकिता का सामान
  • पुलकित आर्या समेत तीन व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद 23 सितंबर की मध्यरात्रि और 24 सितंबर की सुबह रिसॉर्ट पर बुलडोजर चला।
  • इस मामले में बीते रविवार को रिसॉर्ट सहित सील किए गए अंकिता के कमरे पर भी बुलडोजर चलने से कई सबूत नष्ट होने की बात भी सामने आ रही है।
  • इस कमरे के भीतर तोड़फोड़ के बाद मलबा और कांच भी बिखरा हुआ है।
  • अंकिता के शैक्षिक दस्तावेज पलंग पर बिखरे हुए हैं।
  • एक कुर्सी पर उसके लिए लाई गई दाल-रोटी रखी गई है और उसका बैग और कपड़े बिखरे पड़े हैं।

नेक नीयत नहीं लगता इस तरह बुलडोजर चलाना

अंकिता हत्याकांड से गुस्साई जनता ने 24 सितंबर को एम्स ऋषिकेश पहुंची यमकेश्वर की विधायक रेणु बिष्ट का खुला विरोध कर उनकी कार का शीशा भी तोड़ दिया। पुलिस ने जैसे-तैसे विधायक को भीड़ से निकाला। उपस्थित प्रदर्शनकारियों ने बुलडोजर चलाने से साक्ष्य नष्ट करने का भी आरोप लगाया।

अंकिता के पोस्टमार्टम वाले दिन एम्स में मौजूद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत व जिला पंचायत सदस्य क्रांति कपरुवान आरोप लगा चुके हैं कि प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस-प्रशासन की गैरमौजूदगी में रिसॉर्ट में बुलडोजर चलाया जाना नेक नीयत नहीं लगता।

इससे सबूत नष्ट होने का अंदेशा और बढ़ गया है। अगर साक्ष्य नष्ट हुए हैं तो संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि मासूम अंकिता की हत्या में शामिल जितने भी आरोपित हैं, उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त होनी चाहिए।

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