अदालत में मची अफरा-तफरी, 20 घंटे की मेहनत के बाद आया हाथ

पाकिस्तान से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कराची की एक अदालत में 14 बंदरों को पेश किया गया। इस दौरान एक बंदर कोर्ट से फरार हो गया। इससे अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने खोजबीन शुरू की तो पता चला कि वह अदालत परिसर में एक पेड़ पर चढ़कर बैठा है। तत्काल सिंध वन्यजीव विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ा गया। मामला तस्करी से जुड़ा था। अदालत ने सभी बंदरों को कराची जूलॉजिकल गार्डन के प्रबंधन को सौंप दिया। साथ ही दो तस्करों को जमानत दी गई। उन पर एक एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।सिंध वन्यजीव अधिकारियों ने बताया कि कराची जाने वाली एक बस से 14 बंदरों के बच्चों को बरामद किया गया था। बंदरों के शरीर पर चोट के निशान भी थे। दो संदिग्ध तस्कर जुनैद और अली बहादुर भी पकड़े गए थे। जुर्म कबूलने पर उनके खिलाफ वन्यजीव विभाग में सिंध वन्यजीव संरक्षण, रोकथाम, संरक्षण और प्रबंधन अधिनियम, 2020 की धारा 81(1), 94, 47, 50, 53 और 71 के तहत मामला दर्ज किया गया था,

चिड़ियाघर को बंदर सौंपने का आदेश

पाकिस्तान में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अक्सर सड़क पर मनोरंजन करने वाले बंदरों को रखते हैं। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में अपराधियों की ओर से इन्हें घरों में घुसकर चोरी करने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है। बंदरों के लेकर अदालत के फैसले पर वन्यजीव अधिकारी नाखुश नजर आए, साथ ही बंदरों को कराची चिड़ियाघर को सौंपने का आदेश दिया,

सिंध वन्यजीव विभाग के चीफ जावेद महार ने कहा कि बंदरों को बुरी हालत में बक्सों में रखा गया था, वे मुश्किल से सांस ले पा रहे थे. पाकिस्तान में जंगली जानवरों का व्यापार या उन्हें रखना गैरकानूनी है, लेकिन कानूनों की नियमित रूप से अनदेखी की जाती है और विदेशी पालतू जानवरों का एक फलता-फूलता बाजार है।

 

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