देवबंद के गांव केंदुकी निवासी ग्रामीण ने पोर्टल पर सड़क मार्ग को लेकर कि थी

 देवबंद।

सीएम योगी आदित्यनाथ के आइजीआरएस पोर्टल पर सड़क मार्ग पर किए गए अवैध कब्जे की शिकायत के मामले में लेखपाल द्वारा फर्जी गवाह बनाते हुए शिकायतकर्ता के नाम से स्वयं हस्ताक्षर करने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर पूरे मामले की जांच की गुहार लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

कोतवाली क्षेत्र केगांव केंदुकी निवासी नीरज त्यागी ने मुख्यमंत्री के पोर्टल आईजीआरएस पर शिकायत करते हुए बताया था कि ‌ गांव से समीप के गांव खोज नगला को जोड़ने वाला मार्ग खस्ता हाल में है, मार्ग पर अवैध कब्जा होने से लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। जन समस्या को देखते हुए इस मार्ग का निर्माण होना महत्वपूर्ण है।‌ लेकिन आरोप है कि गांव के संबंधित हल्का लेखपाल द्वारा मौके पर बिना जांच किए ही स्वयं शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर करते हुए और सीताराम के नाम से व्यक्ति को गवाह दिखाते हुए पूरी ही शिकायत को बंद कर दिया। जब शिकायत निस्तारण का संदेश मोबाइल द्वारा संबंधित व्यक्ति के पास पहुंचा तो वह पोर्टल पर डाले गए निस्तारण को देखकर हैरान रह गया। क्योंकि जो व्यक्ति सीताराम के नाम से गवाह दिखाया गया था, उस नाम का व्यक्ति पूरे गांव में भी नहीं रहता है।‌ इससे साफ अंदाजा हो जाता है कि मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी पोर्टल आईजीआरएस को हल्का लेखपाल और अन्य अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं यह मामला इसका ताजा उदाहरण है।

शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, जांच की लगाई गुहार

शिकायत करता नीरज त्यागी ने बताया की गांव की जन समस्या को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर सड़क मार्ग पर किए गए कब्जे को हटाने को लेकर प्रार्थना पत्र भेजा था। आरोप लगाया कि हल्का लेखपाल द्वारा उनके नाम से फर्जी साइन और फर्जी गवाह दिखाते हुए शिकायत को ही बंद कर दिया। नीरज त्यागी ने कहा वह पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भेज चुके हैं उन्हें आशा है कि संबंधित लोगों पर कार्रवाई भी जल्दी होगी।

प्रशांत त्यागी

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