नई दिल्ली। कासरगोड के श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर के शाकाहारी मगरमच्छ बबिया की रविवार रात को मौत हो गई। ये मगरमच्छ पूरी तरह से शाकाहारी था और खाने में भी केवल प्रसाद ही खाता था। यहां तक की झील की एक मछली या किसी अन्य प्राणी को उसने कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाया था। इस मगरमच्छ को मंदिर का रखवाला भी माना जाता था।

देर रात पाया गया मृत

मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक, बबिया मगरमच्छ शनिवार से ही लापता था और रविवार रात करीब 11:30 बजे बबिया का शव झील पर तैरता हुआ मिला। इसकी सूचना पुलिस और पशुपालन विभाग को दे दी गई है। मगरमच्छ के अंतिम दर्शन के लिए सोमवार को राजनेताओं सहित सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ गई। बबिया के शव को झील से निकाल कर सार्वजनिक श्रंद्धाजलि के लिए रखा गया है।

नेताओं ने दी श्रंद्धाजलि

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने बबिया मगरमच्छ को श्रंद्धाजलि दी और कहा कि उम्मीद हैं कि 70 से अधिक वर्षों से मंदिर का रखवाला करने वाला बबिया मगरमच्छ को मौक्ष प्राप्त हुआ हो। दिवंगत मगरमच्छ चावल और गुड़ का प्रसाद खाकर मंदिर की झील में 70 वर्षों से अधिक समय तक रहा और मंदिर की रक्षा की। वह सद्गति प्राप्त करे, ओम शांति !

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने भी एक फेसबुक पोस्ट में मगरमच्छ को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “बाबिया चला गया। लाखों भक्तों ने इसे भगवान की छवि के रूप में देखते हुए इसके दर्शन किए।

अनोखा था बबिया मगरमच्छ

केरल के मशहूर अनंथापुरा लेक मंदिर की रक्षा करने वाला बबिया मगरमच्छ पूरी तरह से शाकाहारी थी। वो केवल चावल और गुड़ से बना मंदिर का प्रसाद खाता था और किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाता था। माना जाता था की करीब 70 सालों से बबिया मगरमच्छ दिन-रात मंदिर की सुरक्षा करता था। ये मंदिर के ही पास मौजूद नदी में रहता था। बता दें कि हजारों की संख्या में टूरिस्ट और श्रद्धालु इस मंदिर में बबिया को देखने के लिए भी आते थे।

"
""
""
""
""
"

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *