देहरादून। लोक सेवा आयोग ने पीसीएस की परीक्षा अब हर साल कराने का फैसला लिया है। इस वर्ष यह परीक्षा जुलाई माह में प्रस्तावित की गई है।
आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने बताया कि हाल ही में संपन्न हुई पीसीएस मुख्य परीक्षा 2021 के लिए शासन स्तर से 318 रिक्त पदों के सापेक्ष 2,56,935 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इनमें प्रारंभिक परीक्षा के लिए 5636 अभ्यर्थी सफल हुए, लेकिन मुख्य परीक्षा में 4115 अभ्यर्थियों ने ही हिस्सा लिया। इस प्रकार 73.01 फीसदी उपस्थिति रही।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व पीसीएस परीक्षा 2016 में 138 पदों के लिए हुई मुख्य परीक्षा में 1912 के सापेक्ष 1458 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। जिनका उपस्थिति का आंकडा 76.25 फीसदी था। इससे प्रतीत होता है कि दो पीसीएस मुख्य परीक्षाओं के आयोजन के बीच पांच वर्ष से अधिक का समय लगा है लिहाजा, अब पीसीएस परीक्षा हर साल कराने का निर्णय लिया गया।
डा. राकेश ने बताया कि उत्तराखंड में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा जुलाई 2023 में प्रस्तावित की गई है। सरकार से भर्ती का प्रस्ताव मिलने की प्रत्याशा में इसे परीक्षा कैलेंडर वर्ष 2023 में शामिल कर लिया है। आयोग ने अब परीक्षा पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न पर पाठ्यक्रम करने की मंजूरी भी दे दी है। इसकी संस्तुति शासन को भेज दी गई है। इससे उत्तराखंड के युवाओं को राज्य सिविल सेवा के साथ-साथ अखिल भारतीय सिविल सेवा की तैयारी करने में भी महत्वपूर्ण मदद मिल सकेगी।
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अप्रैल माह तक होंगी चार भर्ती परीक्षाएं
डा. राकेश कुमार ने बताया कि आयोग ने अन्य परीक्षाओं को सुनिश्चित वक्त पर करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पांच मार्च को कनिष्ठ सहायक परीक्षा 412 परीक्षा केंद्रों पर होगी। इसमें 1,45, 239 परीक्षार्थी शामिल होंगे। वहीं, नौ अप्रैल को वन आरक्षी पदों के लिए 617 केंद्र बनाए हैं, जिसमें 2,06, 431 परीक्षार्थियों ने आवेदन किए हैं। इसी तरह 23 अप्रैल को सहायक लेखाकार परीक्षा होगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड न्यायिक सेवा (सिविल जज) परीक्षा 30 अप्रैल को प्रस्तावित की गई है।
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