लखनऊ। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डा. विनय पाठक पर भ्रष्टाचार के आरोप के मामले में यूपी एसटीएफ ने रविवार को एक और गिरफ्तारी की। विनय पाठक के कमीशन की रकम का प्रबंधन करने के आरोप में डीएलएफ गुरुग्राम निवासी इंटरनेशनल बिजनेस फार्म अलवर राजस्थान के मालिक अजय जैन को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित की कंपनी के खाते में कमीशन के 73 लाख रुपये स्थानांतरित किए गए थे। इससे पहले पाठक के करीबी अजय मिश्रा को एसटीएफ गिरफ्तार कर चुकी है।

पूछताछ के लिए दी गई थी नोटिस

एसटीएफ के मुताबिक आरोपित अजय जैन को कुलपति डा. विनय पाठक के रुपयों का प्रबंधन करने के लिए फर्जी एवं कूटरचित बिल व ई-वे बिल जारी करने के संबंध में पूछताछ के लिए नोटिस दी गई थी। आरोपित से पूछताछ की गई तो कई बिंदुओं पर वह जवाब नहीं दे पाया। आरोपित ने एसटीएफ को कई दस्तावेज दिखाए। छानबीन में पता चला कि अजय जैन की कंपनी रजिस्टर्ड है, बावजूद इसके अजय ने भ्रष्टाचार संबंधित रुपयों का लेनदेन किया। इसके बाद फर्जी बिल तैयार कर उन रुपयों का प्रबंधन किया।

आरोपित ने फर्जीवाड़े की बात कबूली

पूछताछ में आरोपित ने फर्जीवाड़े की बात कबूल कर ली। इसके बाद रविवार देर रात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मुकदमे में पुलिस ने अजय जैन का नाम बढ़ाया है। इसके अलावा विनय पाठक, अजय मिश्रा और अजय जैन के खिलाफ साजिश, कूटरचना व धोखाधड़ी समेत अन्य धाराएं भी बढ़ाई हैं। एसटीएफ का कहना है कि भ्रष्टाचार में कई अन्य की संलिप्तता उजागर होगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ये है पूरा मामला

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक के खिलाफ इंदिरानगर थाने में डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में कुलपति के पद पर रहते हुए लाखों रुपये कमीशन लेने की एफआइआर दर्ज की गई है। इस प्रकरण की जांच एसटीएफ को स्थानांतरित कर दी गई थी। एसटीएफ ने पाठक के करीबी आरोपित अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उधर, विनय पाठक ने हाई कोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका दी है, जिस पर 10 नवंबर को सुनवाई होनी है।

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