ग्रुप ऑफ सेवन (G7) समिट के लिए भारत के साथ-साथ अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा के राष्ट्र प्रमुख इन दिनों जापान के हिरोशिमा पहुंचे हुए हैं. इस बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति स्मारक संग्रहालय (Peace Memorial Museum) का दौरा किया.

पीएम मोदी ने यहां हिरोशिमा के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. अपने दौरे में पीएम मोदी ने डॉक्यूमेंटेंड एग्जिबिट्स (प्रलेखित प्रदर्शन) देखे और साथ ही विजिटर बुक पर हस्ताक्षर भी किए. बता दें कि यह पीस म्यूजियम परमाणु हमले का शिकार हुए लोगों की याद में बनाया गया है.

इससे पहले शनिवार को ग्रुप ऑफ सेवन (G7) देशों ने साझा बयान जारी किया. स्टेटमेंट में चीन का बिना नाम लिए सख्त तेवर दिखाए गए और अपील की गई कि वो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने रणनीतिक साझेदार रूस पर दबाव बनाए. इसके साथ ही ताइवान को लेकर भी इशारों में संदेश दिया गया है. चीन से कहा गया है कि वो ताइवान की स्थिति का सम्मान करे.

2019 से लगातार मिल रहा आमंत्रण

बता दें कि जापान के हिरोशिमा में शुक्रवार से जी-7 समिट शुरू हो गया है. भारत जी-7 का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन पिछले कई सालों से लगातार भारत को इस समिट में गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता रहा है. 2019 के बाद से यह लगातार पांचवीं बार है, जब भारत को जी-7 समिट में बुलाया गया है. गेस्ट कंट्री के तौर पर भारत को सबसे पहले जी-7 समिट में फ्रांस ने 2003 में बुलाया था. उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पांच बार जी-7 की बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं.

चुनौतियों से जूझ रहे हैं जी-7 देश

बताते चलें कि G7 के देश- अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने और चीन के साथ तनाव से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं. विशेष रूप से आर्थिक सुरक्षा और ताइवान के मसले पर, जिस पर चीन अपना दावा करता आया है.

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