बरेली। बरेली के प्रेमनगर के जनकपुरी रेस्टाेरेंट में तोड़फोड़, मारपीट व रंगदारी मामले में शासन से फटकार के बाद गुरुवार को वन राज्यमंत्री डा. अरुण कुमार के भतीजे अमित सक्सेना पर शिकंजा कस गया। आरोपित के विरुद्ध लिखी गई प्राथमिकी में हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ा दी गई।

धारा 307 बढ़ते ही आरोपित अमित सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद कर दी गई। दो अन्य को भी हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ में जुटी है।

प्रेमनगर के जनकपुरी स्थित सत्कार रेस्टोरेंट में आरोपित अमित सक्सेना ने साथियों संग मंगलवार रात जमकर हंगामा काटा था। प्रेमनगर थाने में आरोपितों के विरुद्ध लिखाई गई प्राथमिकी में रेस्टोरेंट के संचालक सुशांत कश्यप ने बताया कि आरोपित तब आ धमके जब रेस्टोरेंट पर कर्मचारी खाना खा रहे थे।

रात करीब पौने 11 का वक्त था। आते ही कहा कि वन राज्यमंत्री का भतीजा अमित सक्सेना हूं। रेस्टाेरेंट चलाना है तो एक लाख रुपये महीने देने पड़ेंगे। इसी के बाद आरोपित चला गया। दोबारा फिर आ धमका और जान से मारने की नियत से साथियों संग सरिया लेकर दौड़ा। तीसरी बार में आरोपित ने कार चढ़ाकर मारने का प्रयास किया।

जैसे-तैसे सभी जान बचाकर भागे। रेस्टोरेंट पर लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरा घटनाक्रम कैद हो गया, जो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ। मामला मीडिया में सुर्खियों का विषय बना तो अगले दिन बुधवार को आरोपित के विरुद्ध रंगदारी, मारपीट, धमकी व अन्य धाराओं में प्राथमिकी लिखी गई।

अपनी ही चालाकी में किरकिरी करा बैठी पुलिस

मामले में रेस्टाेरेंट संचालक ने जो शिकायती पत्र दिया उसमें साफ लिखा था कि जान से मारने की नियत से हमला किया गया। स्टाफ की ओर गाड़ी चढ़ा दी। जैसे-तैसे जान बचाकर भागे। बावजूद प्राथमिकी धारा 147, 384, 504 व 506 में लिखी गई। सात साल से कम सजा के चलते इन धाराओं में गिरफ्तारी नहीं है।

मामला शासन तक पहुंचा जिसके बाद पुलिस अपनी ही चालाकी में फंस गई। शिकायती पत्र में जान से मारने की नियत से हमला, गाड़ी चढ़ाने व सीसीटीवी फुटेज जैसे साक्ष्य होने पर भी धारा 307 का शामिल ना करने में पुलिस घिरी। किरकिरी के बाद आनन-फानन में धारा 307 बढ़ा दी गई।

पहले समझौतानामा, अब बोले कार्रवाई होनी चाहिए

भाजपा नेताओं से जुड़े मामलों में बरेली पुलिस की पहले ही काफी किरकिरी हो चुकी है। हर बार पुलिस का बैकफुट पर आने का इतिहास रहा है। लिहाजा, प्रकरण में बुधवार को जब वन राज्यमंत्री के भतीजे के विरुद्ध प्राथमिकी लिख गई तो संचालक ने मामले में समझौता होने की बात कही।

बाकायदा, प्रेमनगर पुलिस को संचालक समझौता नामा देने पहुंचे लेकिन पुलिस ने इन्कार कर दिया। आरोपित अमित सक्सेना की गिरफ्तारी के बाद संचालक नरेश कश्यप ने कहा कि बिल्कुल कार्रवाई होनी चाहिए। बुधवार को क्षेत्र के लोगों के कहने पर समझौतानामा दे दिया था। ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई बेहद जरूरी है जिससे वह आगे किसी के साथ ऐसा ना कर सकें।

वन राज्यमंत्री डा अरूण सक्सेना चाहते हैं कार्रवाई

संचालक नरेश कश्यप ने यहां तक कहा कि पुलिस ऐसे ही कार्रवाई नहीं कर रही है। वनमंत्री खुद चाहते है कि उसके विरुद्ध कार्रवाई हो। तभी तो पूरा पुलिस प्रशासन आरोपित की गिरफ्तारी में लग गया।

आरोपित ने इंटरनेट पर डाली नाराजगी भरी पाेस्ट 

प्राथमिकी लिखे जाने के बाद आरोपित अमित सक्सेना ने इंटरनेट मीडिया पर दर्द बयां किया। उनकी मीडिया के प्रति नाराजगी दिखी। यहां तक लिखा कि ऊपर वाले से डरो, गुडनाइट। साफ है कि आरोपित को पहले ही चौतफरा घिरने का अंदेशा हो चुका था।

प्रकरण में आरोपित के विरुद्ध हत्या के प्रयास की धारा की प्राथमिकी में बढ़ोत्तरी की गई है। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। घटना में शामिल उसके साथियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।– राहुल भाटी, एसपी सिटी 

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