प्रशांत त्यागी, देवबंद।

इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी नफरत का इलाज मुसलमान के हाथ में है, विषय पर सोमवार को सेमिनार का आयोजन मदरसा दारूल अशरफिया, देवबंद में किया गया है। मौलाना सालिम अशरफ कासमी संस्थापक व प्रिंसिपल मदरसा दारूल अशरफिया देवबंद ने कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों की राय है कि इस्लामोफोबिया की एक लहर इस समय भारत सहित दुनिया भर में फैल रही है।

वे इस्लामोफोबिक धारणा का श्रेय अपने समुदाय के खिलाफ झूठी और भ्रामक मीडिया रिपोटों को देते हैं। कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवी, हालांकि, इस तरह की राय का खंडन करते हैं और दावा करते हैं कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत का कारण मूल रूप से इस्लाम के बारे में समझ की कमी है और इसलिए, उनका सुझाव है कि मुसलमानों को संबंधित लोगों के साथ बातचीत करने की तत्काल आवश्यकता है। अन्य धर्म, गलतफहमी को दूर करने और इस्लाम और उसके अनुयायियों की सकारात्मक छवि बनाने के लिए प्रगतिशील मुसलमान भी आधुनिकता की संस्कृति को बढ़ावा देने और इस तरह की गलतफहमी को दूर करने के लिए विभिन्न धार्मिक समूहों के विद्वानों के बीच धार्मिक संवाद आयोजित करने की वकालत करते हैं। सेमिनार में आये ग्रामर के टीचर मौलाना सैयद आलम जैनबी ने यह सुझाव देते हुए कहा कि कुछ भारत विरोधी ताकतों द्वारा प्रचारित कट्टरपंथ भले ही यह इस्लाम द्वारा दृढ़ता से निषिद्ध है, मुसलमानों के खिलाफ कथित नकारात्मक राय का समाधान नहीं है, उनका मानना है कि इस्लाम और मुसलमानों के बारे में जनता की राय को बदलने की आवश्यकता है। सामान्य तौर पर, इस्लामी शिक्षाओं का प्रसार करके और भारत में अन्य धर्मों का पालन करने वाले लोगों के साथ व्यापक रूप से बातचीत करके, देश में इस्लाम विरोधी ताकतों से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए एक समुदाय के रूप में मुसलमानों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपनी पहुंच बढ़ाएं और अधिकतम लोगों के साथ संपर्क स्थापित करें, क्योंकि अन्य धर्मों के साथी नागरिकों के साथ उनके जुड़ाव की कमी का मुस्लिम विरोधी समूहों और ऐसे समूहों द्वारा नियंत्रित मीडिया द्वारा उनके समुदाय को लक्षित करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रोग्राम के अध्यक्ष सर्व सामाजिक संस्था के अध्यक्ष प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने कहा कि देश में पिछले कुछ समय से ऐसी ताकतों ने सिर उठाया है, जो सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारा समाप्त करने का काम शुरू कर रही है। ऐसी ताकतों से मिलकर लड़ने के लिए ही आज यह सेमिनार आयोजित की गई है, जिसमें मौलाना सालिम अशरफ कासमी व असद फारुकी के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर विचार किया गया है। प्रोग्राम में बोलते हुवे असद फारूकी ने कहा कि हम सब मिलकर देश में सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारा कायम करने की दिशा में काम करेंगे, ताकि देश गंगा जमुनी तहजीब क़ायम रह सके और किसी के भी मन में असुरक्षा का भाव नहीं आना चाहिए।

इस दौरान सेमिनार में मौलाना सालिम अशरफ क़ासमी (संस्थापक मदरसा), मुफ़्ती शादाब (सदर मदरसा), मुफ़्ती अनुल हक़,कारी कातिब, नकीबुर रहमान,मौलाना अब्दुल्ला, डॉ उबेदुरर रहमान, हम्माद, आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सेमिनार के आयोजक और संचालक मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मेरठ प्रांत संयोजक,भाजपा सेक्टर संयोजक फैज़ुर रहमान ने सभी अतिथियों का आभार जताया।

प्रशांत त्यागी

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