उत्तरकाशी : द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर हुए हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आकर लापता तीन पर्वतारोहियों की तलाश में चलाए जा रहे खोज अभियान में मौसम बाधा डाल रहा है।

सात शवों को हेलीकॉप्टर के जरिए मातली लाया गया

द्रौपदी का डांडा बेस कैंप से सात शवों को हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया गया है। यहां से इन शवों को शिनाख्त और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल उत्‍तरकाशी भेजा गया है। शनिवार को बेस कैंप से उत्तरकाशी लाए गए सात शवों की शिनाख्त हो गई है। इनके नाम इस प्रकार हैं :

  • सिद्धार्थ खंडूड़ी निवासी नेशविला रोड देहरादून उत्तराखंड
  • राहुल पंवार पुत्र शूरवीर सिंह पंवार निवासी निम उत्तरकाशी
  • शुभम सांगरी निवासी नियर लाल कोठी तल्ला कृष्णपुर नैनीताल उत्तराखंड
  • टिक्लू जायरवा, निवासी अपर लूमपरिंग नियर बुद्ध मंदिर शिलांग मेघालय
  • नितीश, निवासी ग्राम मटिंडू, सोनीपत हरियाणा
  • दीपशिखा हजारिका, निवासी रूपनगर गुवाहाटी असम
  • रवि कुमार निर्मल, दूबेपुर सकरदहा, थाना बाघराय प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

शुक्रवार की रात भारी हिमपात हुआ

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में शनिवार को बादल छाए रहे। द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में शुक्रवार की रात भारी हिमपात हुआ है। जिसके कारण खोज बचाओ अभियान दल के लिए चुनौती बढ़ गई है।

26 पर्वतारोहियों के शव बरामद, तीन अभी भी लापता

अब तक 26 पर्वतारोहियों के शव बरामद हो चुके हैं और तीन अभी भी लापता हैं। चार के शव शिनाख्त के बाद स्वजन को सौंप दिए गए हैं। पांच घायलों का उत्तरकाशी में उपचार चल रहा है। 22 शवों को आज शनिवार को द्रौपदी का डांडा बेस कैंप से उत्तरकाशी लाया जाना है।

मौसम प्रतिकूल होने से खोज अभियान में पड़ रही बाधा

मौसम प्रतिकूल होने से खोज अभियान में बाधा पड़ रही है। एयरफोर्स, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर हाई एल्टीटयूट वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग की टीम खोज अभियान में जुटी है।

बता दें कि निम का 42 सदस्यीय दल 23 सितबंर को द्रौपदी का डांडा में प्रशिक्षण के लिए गया था। मंगलवार को दल के 34 सदस्य एवलांच की चपेट में आ गए थे।

मौसम ले रहा है स्वजन के धैर्य की परीक्षा

मौसम विभाग ने शनिवार को भी अलर्ट घोषित किया है। शुक्रवार को भी मौसम के प्रतिकूल रहने के कारण द्रौपदी का डांडा क्षेत्र से बरामद किए गए प्रशिक्षुओं के शवों को उत्तरकाशी नहीं लाया जा सका। केवल सुबह के दौरान वायु सेना के हेलीकाप्टर के जरिये चार शवों को रेस्क्यू किया गया।

22 शव अभी एडवांस बेस कैंप में हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि शनिवार को भी अलर्ट घोषित है। अगर मौसम अनुकूल रहा तभी हेली सेवा के जरिये शवों का रेस्क्यू किया जाएगा।

वहीं शवों को उत्तरकाशी पहुंचाए जाने में हो रही देरी को लेकर विभिन्न राज्यों से उत्तरकाशी पहुंचे स्वजन खासे परेशान हैं। मौसम भी इन स्वजन के धैर्य की परीक्षा ले रहा है।

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