देहरादून। विधानसभा के मानसून सत्र में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भावुक हो उठे। कहा कि वह स्वयं आंदोलनकारी रहे हैं उन दोनों को याद कर आंखें आज भी नाम हो जाती हैं।


सदन में राज्य आंदोलनकारियों एवं आश्रितों के आरक्षण के विषय पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य आंदोलन के दौर को याद करते हुए विधायक विनोद चमोली व भुवन कापड़ी आदि की भावनाओं से खुद को जोड़ा। बहुमत के बाद भी राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं का सम्मान करने के लिये प्रस्तावित विधेयक को प्रवर समिति को सन्दर्भित करने का अनुरोध किया।


संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं भीराज्य आंदोलनकारी रहे हैं। उन दिनों महिलाओं के साथ जो अत्याचार हुआ, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इतिहास के पन्नों में वह दिन सबसे दर्दनाक रहा।


उन्होंने डोईवाला में राज्य आंदोलन के वक्त तत्कालीन सरकार के अत्याचारों को भी सदन में बयां किया। बताया कि वह मुजफ्फरनगर कांड के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं। उसे दौरान उत्तराखंडवासियों के साथ हुई अनहोनी की याद भी विचलित कर देती है।

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