प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच गुरुवार को होने वाली बातचीत ऊर्जा, संपर्क और व्यापार के क्षेत्रों में भारत-नेपाल सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी।
भारत की चार दिवसीय यात्रा पर बुधवार दोपहर दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रचंड ने नेपाली दूतावास में एक कार्यक्रम में कहा कि दोनों पक्ष समग्र संबंधों का विस्तार करने के इच्छुक हैं। उन्होंने संकेत दिया कि पीएम मोदी से बातचीत के बाद कई समझौते होने की संभावना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रचंड के साथ अलग से मुलाकात की और भारत-नेपाल संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। बैठक में विदेश सचिव विनय क्वात्रा भी मौजूद थे। नेपाली प्रधानमंत्री ने दूतावास के कार्यक्रम में कहा कि हम दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रचंड के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है।
द्विपक्षीय वार्ता के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (सीपीएन-माओवादी) नेता प्रचंड शुक्रवार को इंदौर रवाना होंगे। इसी दिन अपनी पुत्री गंगा और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ वह महाकाल का दर्शन करने उज्जैन जाएंगे। वापसी के बाद इंदौर में प्रचंड ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र के साथ टीसीएस और इंफोसिस के विशेष आर्थिक क्षेत्र का भी जायजा लेंगे। तीन जून को प्रचंड स्वदेश रवाना होंगे।
खटास को कम करने की तैयारी
प्रचंड के दौरे में दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्ते में आई खटास को कम करने की तैयारी है। द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देश सीमा विवाद पर गंभीर चर्चा से परहेज बरतेंगे। उनका जोर ऊर्जा, व्यापार क्षेत्र में अहम समझौतों पर मुहर लगाने पर होगा। भारत की दो कंपनियों और नेपाल के बीच आगामी 25 वर्षों के लिए विद्युत व्यापार पर मुहर लगेगी। दोनों देशों के बीच डिजिटल भुगतान संबंधी समझौता होगा।
भारत के माध्यम से नेपाल और बांग्लादेश के बीच ऊर्जा व्यापार के रास्ते खुलेंगे। भारत नेपाल टीवी को अपने यहां प्रसारण की अनुमति देगा। नेपाल में दो पेट्रो पाइपलाइन का निर्माण और विस्तार, चदानी-दोधरा क्षेत्र में ड्राई पोर्ट का निर्माण, भैरहवा में एक नई चेक पोस्ट, नेपालगंज में एकीकृत चेकपोस्ट, बिराटनगर में रेल यार्ड निर्माण जैसे कई समझौतों पर मुहर लगेगी।
हवाईअड्डे पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने किया स्वागत
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड के नई दिल्ली पहुंचने पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनकी अगवानी की। पदभार संभालने के प्रचंड का यह पहला आधिकारिक विदेश दौरा है। इससे पहले, प्रचंड ने 2008 और 2016 में नेपाली प्रधानमंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, यह यात्रा घनिष्ठ और अनोखे भारत-नेपाल संबंधों को नई गति प्रदान करेगी।
नेपाल के प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात करेंगे। नेपाल को नई दिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण देश माना जाता है क्योंकि यह पांच भारतीय राज्यों- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करता है। नेपाल माल ढुलाई और सेवाओं के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
ऊर्जा क्षेत्र में भारतीय निवेश और वैकल्पिक हवाई मार्ग चाहता है नेपाल: सऊद
नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने बुधवार को कहा कि नेपाल अपने ऊर्जा क्षेत्र में विशेष रूप से पनबिजली के विकास के लिए अधिक भारतीय निवेश आकर्षित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि नेपाल भारत से बिजली समझौता चाहता है ताकि वह भारतीय ग्रिड का उपयोग कर बांग्लादेश को भी बिजली निर्यात कर सके। सऊद प्रचंड के साथ भारत दौरे पर हैं। उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान व्यापार, पारगमन, संपर्क और सीमा मुद्दों सहित कई मुद्दों को शामिल किया जाएगा।
नेपाल देश को वैकल्पिक हवाई मार्ग प्रदान करने के लिए भी भारत के साथ चर्चा करेगा। सऊद ने कहा कि उनके देश के भारत के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और उल्लेख किया कि उनके प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल चौथी बार भारत का दौरा कर रहे हैं। नेपाल के राजदूत शंकर पी शर्मा ने प्रचंड की यात्रा को सद्भावना यात्रा बताते हुए कहा कि यह यात्रा नेपाल और भारत के संबंधों को अच्छी ऊंचाई पर ले जाएगी।
" "" "" "" "" "